चुनाव के समय में कई बार फर्जी वोटिंग का मामला सामने आता रहा है। इस पर लगाम लगाने के लिए चुनाव आयोग ने वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक कराने की पहल शुरू की है। देशभर में एक अगस्त से अभियान चलाया जा रहा है।
दरअसल देखा गया है कि एक ही व्यक्ति कई बार वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवा लेता था, जिससे चुनावों में धांधली होती थी। लेकिन आधार कार्ड एक ही है, इसलिए कोई भी व्यक्ति एक ही बार अपना नाम दर्ज करवा सकेगा। इससे फर्जी वोटर आईडी पर रोक के अलावा डुप्लीकेसी भी रुकेगी। हालांकि सरकार के मुताबिक ये प्रक्रिया वैकल्पिक है यानि अगर कोई व्यक्ति चाहेगा वोटर आईडी को आधार से लिंक कराना तभी किया जाएगा। वहीं चुनाव आयोग का मानना है कि अगर आप ऐसा कराते हैं तो इससे चुनावों में धांधली रोकने में मदद मिलेगी।
कैसे करें लिंक
अगर कोई ऑफलाइन वोटर आईडी को आधार से लिंक कराना चाहता है तो, चुनाव आयोग की ओर से अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत राज्यों में बूथ लेवल आफिसर यानि BLO द्वारा मतदान केंद्रों पर तथा घर-घर जाकर मतदाताओं से स्वैच्छिक रूप से आधार नंबर फार्म 6बी एकत्रित करेंगे। वैसे आप खुद भी BLO के यहां जाकर फॉर्म 6बी भर कर दे सकते हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया
अगर ऑनलाइन लिंक कराना है, तो सबसे पहले National Voter’s Service Portal शॉर्ट में NVPS पोर्टल पर खुद को रजिस्टर्ड करें। इसके बाद मोबाइल पर ओटीपी आएगा… उसके भरते ही पेज खुल कर सामने आएगा…जहां नाम, डेट ऑफ बर्थ और पिता का नाम भरने के बाद सर्च बटन क्लिक करेंगे… इसके बाद आपकी सारी जानकारी उस पर खुल कर आएगी। पेज पर ‘फिड आधार कार्ड’ का विकल्प आएगा.., जिस पर क्लिक करने पर जो भी जानकारी मांगी गई है, भरना होगा और उसे भरते ही आधार कार्ड से लिंक का रिक्वेस्ट पहुंच जाएगा। आपके द्वारा दिए गए फोन नंबर पर इसका मैसेज भी आएगा।
31 मार्च 2023 तक का लक्ष्य
चुनाव आयोग के द्वारा वोटर आईडी को आधार से लिंक कराने का काम 31 मार्च 2023 तक पूरा किया जाना है। हालांकि जिन राज्यों में हाल ही में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों में एक अगस्त से ही अभियान शुरू कर दिया गया है।