उत्तराखण्ड में चारधाम और हेमकुंट साहिब यात्रा चरम पर है। देश-विदेश से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पंजीकरण की व्यवस्था को अनिवार्य किया गया है। प्रशासन की ओर से बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा के मुख्य द्वार ऋषिकेश में पंजीकरण की जांच की जा रही है। पंजीकरण नहीं होने की स्थित में ऑफलाइन पंजीकरण कर आवश्यकता अनुसार तीर्थयात्रियों को भेजा रहा है। साथ ही बिना पंजीकरण के पहुंच रहे तीर्थयात्रियों को वापस भी लौटाया जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यात्रियों से पंजीकरण के बाद ही यात्रा करने की अपील की है। इस बीच प्रदेश में अबतक रिकार्ड 20 लाख बत्तीस हजार से अधिक तीर्थयात्री चारधाम और हेमकुंट साहिब के दर्शन कर चुके हैं। जिसमें बदरीनाथ में 6 लाख 80 हजार, केदारनाथ में 6 लाख त्रेपन हजार, गंगोत्री में 3 लाख सत्तावन हजार, यमुनोत्री में 2 लाख उनहत्तर हजार और हेमकुंट में अठसठ हजार से अधिक श्रद्धालु पूजा अर्चना कर चुके हैं। वहीं तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन की ओर से सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य जांच केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही स्वास्थ्य प्रशिक्षण में स्वस्थ्य होने पर ही तीर्थयात्रियों को यात्रा की अनुमति दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से लोगों से चारधाम यात्रा में स्वच्छता बनाए रखने की अपील की थी। जिसके बाद से यात्रा मार्गों और चारों धामों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इस कड़ी में अब तक कई क्विंटल कचरा इकट्ठा हो चुका है।