“पुलिस गुरुजी पढ़ौला, अर नौना नौनि तें नई नई बात बतलौला” की थीम के साथ जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा समय-समय पर विद्यालयों में जाकर छात्र-छात्राओं को कानूनी जानकारी दी जा रही है।
कोरोना संक्रमण की तृतीय लहर के दृष्टिगत कुछ समय से विद्यालय बंद हो गए थे, वर्तमान में कोविड नियमों का पालन करते हुए विद्यालय पुनः संचालित हो गए हैं।
किसी भी प्रकार की जागरुकता को फैलाने हेतु विद्यार्थी एक सशक्त माध्यम होते हैं, क्योंकि उनके मन मस्तिष्क में बताई गई बात अच्छी तरह से रच बस जाती है।
इसी क्रम में प्रभारी महिला हेल्पलाइन रुद्रप्रयाग श्रीमती ज्योति कंडारी के नेतृत्व में राजकीय इन्टर कॉलेज तैला के छात्र-छात्राओं को गौरा शक्ति एप तथा साइबर अपराध के बारे में जानकारी दी गई। उपस्थित शिक्षक गणों तथा छात्र-छात्राओं को अवगत कराया गया कि एंड्राइड मोबाइल फोन में अन्य एप्लिकेशन्स की भांति गौरा शक्ति एप को भी गूगल प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
गौरा शक्ति एप का प्रयोग करना अत्यधिक आसान है।
गौरा शक्ति एप के अन्दर कौन सी सुविधायें आसानी से प्राप्त होती हैं, उनके बारे में विस्तार से बताया जैसे कि, इस ऐप से ….
◆ ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है।
◆डायल 112 पर सीधे कॉल की जा सकती है।
◆अपनी शिकायत के स्टेटस को जाना जा सकता है।
◆ सोशल मीडिया पर अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है।
◆जिलेवार सभी अधिकारियों के संपर्क नंबर भी एक क्लिक पर कांटेक्ट सेक्शन में देखे जा सकते हैं।
◆जहां पर खड़े हैं लोकेशन ऑन कर अपने नजदीकी पुलिस स्टेशनों के नाम जाने जा सकते हैं।
◆महिलाएं अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी हासिल कर सकती हैं। इसमें महिलाओं से संबंधित आईपीसी की धाराएं, पोक्सो अधिनियम, अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, साइबर अपराध और कार्यस्थलों पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम की जानकारी विस्तार से दी गई है।
साथ ही गौरव शक्ति एप से सम्बन्धित निम्न लिंक भी साझा किया गया।
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.sv.infotech.gourasakti
इसके अतिरिक्त आजकल की सबसे बड़ी चुनौती साइबर अपराध के बारे में भी बताया गया। साइबर अपराध के बारे में उदाहरण सहित विस्तार पूर्वक बताया गया कि कभी भी अपने खाते से सम्बन्धित विवरण, एटीएम पर लिखे अंक, सीवीवी, तथा अपना ओटीपी किसी से भी साझा नहीं करना है। किसी भी प्रकार के भ्रामक मैसेज, लिंक इत्यादि पर क्लिक नहीं करना है। व्हाट्सएप ग्रुपों में अनेक प्रकार की फ्री योजनाओं से सम्बन्धित मैसेज चलते रहते हैं, इन पर ध्यान नहीं देना है, किसी भी प्रकार के लोभ लालच या लॉटरी से सम्बन्धित कॉल को इग्नोर करना है।
आपके सावधानी के बाद भी यदि आप साइबर अपराध के शिकार हो ही जाते हैं तो साइबर हेल्पलाइन 155260 पर काॅल करें या साइबर अपराध की रिपोर्टिंग हेतु बने पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करें। ध्यान रहे कि आपकी शिकायत जितनी जल्दी हो सके दर्ज हो जाए, और साथ ही नजदीकी पुलिस थाने अथवा चौकी पर पर जरूर जाएं। पुलिस के द्वारा कुछ जरूरी डिटेल मांगी जाती है जैसे कि आपका पूरा नाम, बैंक खाता नंबर, शाखा का नाम, एसएमएस अलर्ट नंबर, एटीएम नंबर, संदिग्ध या जिसने कॉल की उसका नंबर, कितने पैसे कटे उसका विवरण, अपडेटेड विवरण या लेटेस्ट एंट्री की गई पासबुक की फोटोकापी इत्यादि देनी होती है ताकि आपकी त्वरित मदद की जा सके। एक बार फिर से जोर देकर स्मरण कराया गया कि जितनी जल्दी हो सके यदि आपने समय पर रिपोर्ट कर दी तो पैसे वापस होने के चांसेस ज्यादा रहते हैं अन्यथा पैसे वापस होने की संभावना भी क्षीण हो जाती है।
अन्त में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री सुरेन्द्र सिंह रावत द्वारा जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा फिर कभी समय लगने पर विद्यार्थियों का इसी प्रकार से मार्गदर्शन किए जाने का अनुरोध किया गया।
इसके अतिरिक्त आजकल की सबसे बड़ी चुनौती साइबर अपराध के बारे में भी बताया गया। साइबर अपराध के बारे में उदाहरण सहित विस्तार पूर्वक बताया गया कि कभी भी अपने खाते से सम्बन्धित विवरण, एटीएम पर लिखे अंक, सीवीवी, तथा अपना ओटीपी किसी से भी साझा नहीं करना है। किसी भी प्रकार के भ्रामक मैसेज, लिंक इत्यादि पर क्लिक नहीं करना है। व्हाट्सएप ग्रुपों में अनेक प्रकार की फ्री योजनाओं से सम्बन्धित मैसेज चलते रहते हैं, इन पर ध्यान नहीं देना है, किसी भी प्रकार के लोभ लालच या लॉटरी से सम्बन्धित कॉल को इग्नोर करना है।
आपके सावधानी के बाद भी यदि आप साइबर अपराध के शिकार हो ही जाते हैं तो साइबर हेल्पलाइन 155260 पर काॅल करें या साइबर अपराध की रिपोर्टिंग हेतु बने पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करें। ध्यान रहे कि आपकी शिकायत जितनी जल्दी हो सके दर्ज हो जाए, और साथ ही नजदीकी पुलिस थाने अथवा चौकी पर पर जरूर जाएं। पुलिस के द्वारा कुछ जरूरी डिटेल मांगी जाती है जैसे कि आपका पूरा नाम, बैंक खाता नंबर, शाखा का नाम, एसएमएस अलर्ट नंबर, एटीएम नंबर, संदिग्ध या जिसने कॉल की उसका नंबर, कितने पैसे कटे उसका विवरण, अपडेटेड विवरण या लेटेस्ट एंट्री की गई पासबुक की फोटोकापी इत्यादि देनी होती है ताकि आपकी त्वरित मदद की जा सके। एक बार फिर से जोर देकर स्मरण कराया गया कि जितनी जल्दी हो सके यदि आपने समय पर रिपोर्ट कर दी तो पैसे वापस होने के चांसेस ज्यादा रहते हैं अन्यथा पैसे वापस होने की संभावना भी क्षीण हो जाती है।
अन्त में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री सुरेन्द्र सिंह रावत द्वारा जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा फिर कभी समय लगने पर विद्यार्थियों का इसी प्रकार से मार्गदर्शन किए जाने का अनुरोध किया गया।