हरिद्वार | 14 अप्रैल 2025: संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर हरिद्वार के बीएचईएल मैदान में डॉ. बी.आर. अंबेडकर महामंच द्वारा आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में चिलचिलाती धूप के बावजूद हजारों की संख्या में जनता की जोशपूर्ण मौजूदगी देखने को मिली। कार्यक्रम से पूर्व केंद्रीय विद्यालय से बीएचईएल मैदान तक निकाली गई विशाल रैली में लोगों ने सीएम धामी पर पुष्पवर्षा कर उनका आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि उस विचारधारा का है जिसने समाज में समानता, समरसता और न्याय की आवाज़ बुलंद की। उन्होंने कहा कि UCC केवल एक कानून नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में बढ़ाया गया ऐतिहासिक कदम है, जो बाबा साहेब के सपनों के भारत की ओर अग्रसर है।
धामी ने अपने संबोधन में बाबा साहेब को युगदृष्टा बताते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर की सोच थी कि जब तक हर नागरिक को समान अधिकार नहीं मिलते, तब तक सच्ची समानता संभव नहीं। उन्होंने बताया कि UCC लागू कर उत्तराखंड ने महिलाओं को इद्दत, बहुविवाह, तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति दिलाई है।
सीएम ने यह भी घोषणा की कि हरिद्वार में “बाबा साहेब समरसता स्थल” का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही अनुसूचित समाज के समाजसेवकों के नाम पर बहुउद्देशीय भवन बनाए जाएंगे, और स्कूल-कॉलेजों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को दलितों और वंचितों के वास्तविक उत्थान के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि मोदी जी की नीतियों में बाबा साहेब की सोच प्रतिबिंबित होती है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित वर्ग के कल्याण के लिए बजट में बढ़ोतरी की गई है, छात्रवृत्तियाँ, निःशुल्क कोचिंग, छात्रावास, आवासीय विद्यालय, और अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन जैसी योजनाओं से समाज को नई दिशा दी जा रही है।
कार्यक्रम में श्री निर्मल दास महाराज, पूर्व मंत्री यतीश्वरानंद, विनोद दास, उमेश कुमार, रामपाल, किरण चौधरी, किरण जैसल, विनय रुहेला, जयपाल चौहान, देशराज कर्णवाल, आशुतोष शर्मा, संजय गुप्ता, कुंवर प्रणव चैंपियन सहित कई गणमान्य व्यक्ति और अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा, “उत्तराखंड अब देश को नई दिशा दिखा रहा है — यहां समानता अब सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि कानून की शक्ल में ज़मीन पर उतर चुकी है।”