हिमालय दिवस के अंतर्गत “पानी को जानो” कार्यक्रम में जल संरक्षण पर दिया गयाजोर

UTTARAKHAND NEWS

देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में हिमालय दिवस के अंतर्गत। जल संरक्षण और प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया। उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) और राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित “पानी को जानो” कार्यक्रम में वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने जल संसाधनों के महत्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत ने कहा कि हिमालय हमारे जीवन का रक्षक है और इसकी जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हिमालय से ही जल संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति होती है, इसलिए हिमालयी क्षेत्र के जल स्रोतों का संरक्षण बहुत आवश्यक है।

कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ. भवतोष शर्मा ने “वाटर रिसोर्सेज: मैनेजमेंट, कंजर्वेशन एंड गवर्नेंस विद स्पेशल रेफरेंस टू हिमालयन रीजन” विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने हिमालयी जलस्रोतों की वर्तमान स्थिति, उनके परंपरागत और वैज्ञानिक प्रबंधन, वर्षा जल संरक्षण, भूजल रिचार्ज की विधियों और आधुनिक टेक्नोलॉजी द्वारा जलस्रोतों के प्रबंधन पर विस्तार से बताया।

कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह राणा ने “वाटर क्वालिटी एंड हेल्थ इम्पैक्ट” विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने जल की गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने माइक्रो प्लास्टिक को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया और शुद्ध जल के प्रयोग पर जोर दिया।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने हिमालय प्रतिज्ञा ली और जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर (डॉ.) एम एस पवार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कविता काला ने किया।


कार्यक्रम में यूसर्क से उमेश जोशी, राजकीय इंटर कॉलेज मालदेवता के शिक्षक  संजीव कुमार सैनी, अनीता भंडारी, सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी  चेतन प्रसाद नौटियाल, महाविद्यालय के डॉ सुमन सिंह गुसाई, डॉ बाइ सी नैनवाल, डॉ प्रत्युशा ठाकुर , राजकीय इंटर कॉलेज मालदेवता के 40 छात्र छात्राओं, राजकीय महाविद्यालय मालदेवता के छात्र छात्राओं, शिक्षकों सहित कुल 100 से अधिक लोग उपस्थित रहे।

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