आज राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आईटी पार्क स्थित, नवनिर्मित उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का भ्रमण किया और अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने वर्तमान वर्षा की स्थिति, नदियों के जलस्तर, मार्गों की स्थिति और आगामी दिनों के पूर्वानुमान और तैयारियों के संबंध में जानकारी ली।
राज्यपाल ने जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक में आपदा घटनाओं, चारधाम यात्रा, प्रशासन की तत्परता, तैयारी, पूर्वानुमान और योजना के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जिलाधिकारियों की सतर्कता, समन्वय और विभिन्न विभागों के एकीकरण की सराहना की।
उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले की मोरकंडा नदी पर बने पैदल पुल के टूटने के बाद मद्यमहेश्वर में फंसे सौ से अधिक तीर्थयात्रियों की मदद कर रहे ग्राम प्रधान श्री बीर सिंह पंवार की प्रशंसा करते उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम प्रधान से बात कर उनके सहयोग के लिए आभार जताया और कहा कि उत्तराखंड के लोगों की सेवा, सहयोग और जिम्मेदार नागरिक के रूप में भूमिका की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है, क्योंकि वे आपदा के समय योद्धा की तरह अपनी भूमिका निभाते हैं।
राज्यपाल ने उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन की देश-विदेश में प्रशंसा की, और कहा कि राज्य में आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण के कार्य पेशेवर ढंग से किए जा रहे हैं। मानसून के दौरान जिलाधिकारियों पर बड़ी जिम्मेदारी होती है, और उन्होंने सभी जनपदों तथा विभागों की तैयारी पर संतोष व्यक्त किया।
राज्यपाल ने यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम से जारी होने वाली दैनिक रिपोर्ट की सराहना की, जिसमें राज्य की स्थिति और हालात की विस्तृत जानकारी होती है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आधुनिक तकनीक की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और आपदा प्रबंधन के कार्यों का दस्तावेज़ीकरण करने के निर्देश दिए।
सिलक्यारा टनल रेस्क्यू अभियान की सराहना करते हुए राज्यपाल ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा कि इस अभियान ने उत्तराखंड के उत्कृष्ट आपदा प्रबंधन को विश्व पटल पर स्थापित किया।
अंत में, राज्यपाल ने यूएसडीएमए के अधिकारियों को तीन महीने के भीतर एक डैशबोर्ड बनाने के निर्देश दिए, जो आपदा प्रबंधन के राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने और निर्णय लेने में सहायक होगा।