भारत आज 150 करोड़ वैक्सीन देने के ऐतिहासिक मुकाम पर, यह भारत के सामर्थ्य का प्रतीक : पीएम मोदी

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पीएम मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई) के दूसरे परिसर का उद्घाटन किया। 530 करोड़ रुपए की लागत तैयार परिसर देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भागों के कैंसर रोगियों को व्यापक देखभाल प्रदान करेगा।
इस अवसर पर उन्होंने समारोह को संबोधित भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत सहित दुनियाभर में कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रोन के कारण तेजी से बढ़ रहे मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत आज 150 करोड़ वैक्सीन देने के ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंच गया है। यह भारत के सामर्थ्य का प्रतीक है।

साल की शुरुआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की’

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल की शुरुआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की थी। वहीं आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में ही, भारत 150 करोड़ वैक्सीन डोज का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है।

90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी

उन्होंने कहा कि आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है। सिर्फ 5 दिन के भीतर ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। ये उपलब्धि पूरे देश की है, हर सरकार की है।

पीएम मोदी ने हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों का किया धन्यवाद

प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों, वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर्स और हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि सबके प्रयासों से ही देश ने उस संकल्प को शिखर तक पहुंचाया है, जिसकी शुरुआत हमने शून्य से की थी।

पश्चिम बंगाल को केंद्र की तरफ से मुहैया कराई गई सहायता का किया उल्लेख

पश्चिम बंगाल को केंद्र की तरफ से मुहैया कराई गई सहायता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अब तक पश्चिम बंगाल को भी कोरोना वैक्सीन की करीब-करीब 11 करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराई जा चुकी है। बंगाल को डेढ़ हजार से अधिक वेंटिलेटर, 9 हजार से ज्यादा नए ऑक्सीजन सिलेंडर भी दिए गए हैं। 49 पीएसए नए ऑक्सीजन प्लांट्स ने भी काम करना शुरू कर दिया है।

बीते साल में कैंसर के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की कीमतों में काफी कमी की गई

प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक, गरीब और निम्न मध्यम वर्ग स्वास्थ्य देखभाल से वंचित रहे क्योंकि या तो स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं थी या बहुत महंगी थी। गरीबों के पास दो ही विकल्प थे, कर्ज लेना, या संपत्ति बेचना, या इलाज के बारे में भूल जाना। उन्होंने कहा कि कैंसर की बीमारी तो ऐसी है जिसका नाम सुनते ही गरीब और मध्यम वर्ग हिम्मत हारने लगता था। गरीब को इसी कुचक्र, इसी चिंता से बाहर निकालने के लिए देश सस्ते और सुलभ इलाज के लिए निरंतर कदम उठा रहा है। बीते सालों में कैंसर के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की कीमतों में काफी कमी की गई है।

ढाई करोड़ से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में करा रहे अपना मुफ्त इलाज

प्रधानमंत्री ने कहा पिछले कुछ वर्षों में कैंसर की दवाओं की कीमतों में कमी आई है। जनऔषधि केंद्र देश भर में लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना आज सस्ती और समावेशी स्वास्थ्य सेवा के मामले में एक ग्लोबल बेंचमार्क बन रही है। पीएम-जेएवाई के तहत देशभर में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं।

आज देश 22 एम्स के सशक्त नेटवर्क की ओर बढ़ रहा

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश 22 एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है। देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज सुनिश्चित करने का काम हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को बदलने के लिए प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, अफोर्डेबल हेल्थकेयर, सप्लाई साइड इंटरवेंशन के लिए मिशन मोड अभियान तेज किए जा रहे हैं। योग, आयुर्वेद, फिट इंडिया मूवमेंट, यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रिवेंटिव हेल्थकेयर को मजबूत कर रहे हैं। इसी तरह, स्वच्छ भारत मिशन और हर घर जल योजनाएं बेहतर स्वास्थ्य परिणामों में योगदान दे रही हैं। प्रधानमंत्री ने अंत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हर एहतियात बरतने की अपनी अपील को दोहराया।

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