राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने
राजभवन परिसर में बर्ड वॉचिंग की

UTTARAKHAND NEWS

जैव विविधता से भरपूर उत्तराखंड में पक्षियों का एक अलग संसार बसता है। यहां पर विभिन्न प्रकार की अनेकों पक्षियों की प्रजातियां पायी जाती हैं। वहीं राजभवन देहरादून एवं इसके आस-पास के क्षेत्र में भी पक्षियों की लगभग 180 से अधिक प्रजातियां देखने को मिलती हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आज प्रातः राजभवन परिसर में बर्ड वॉचिंग की। इस दौरान पीसीसीए धंनजय मोहन और निदेशक राजाजी पार्क साकेत बड़ोला मौजूद रहे। बर्ड वाचिंग के दौरान उन्हें कई पक्षियों का देखा जिनमें ओरियंटल पाइड-हॉर्नबिल, मैग्पी-रोबिन, बुलबुल, ग्रे ट्रैपी, एलक्जैंडरिन पैराकीट, वुडपैकर आदि प्रजातियां थी। उन्होंने कहा कि पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देखकर एक अलग ही आनंद की अनुभूति हुई है।

राज्यपाल ने कहा कि पक्षियों की अलग-अलग चहचहाहट और क्रियाकलाप मन को प्रफुल्लित और आकर्षित करने वाला रहा। राज्यपाल ने कहा कि अन्य स्थानों पर जहां पक्षियों के दीदार मौसम पर निर्भर है, इस परिसर में वर्ष भर पक्षियों का बसेरा रहता है। पक्षियों की अविश्वसनीय विविधता से समृद्ध, उत्तराखंड पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों का घर है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के अनमोल खजाने से परिपूर्ण देवभूमि उत्तराखंड जैव विविधता अलग ही है जिसका प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाना जरूरी है ताकि यहां की जैव विविधता की जानकारी पूरे देश और दुनिया में हो सके।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने
राजभवन परिसर में बर्ड वॉचिंग की

राज्यपाल ने   आज प्रातः राजभवन परिसर में की बर्ड वॉचिंग

जैव विविधता से भरपूर उत्तराखंड में पक्षियों का एक अलग संसार बसता है। यहां पर विभिन्न प्रकार की अनेकों पक्षियों की प्रजातियां पायी जाती हैं। वहीं राजभवन देहरादून एवं इसके आस-पास के क्षेत्र में भी पक्षियों की लगभग 180 से अधिक प्रजातियां देखने को मिलती हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आज प्रातः राजभवन परिसर में बर्ड वॉचिंग की। इस दौरान पीसीसीए धंनजय मोहन और निदेशक राजाजी पार्क साकेत बड़ोला मौजूद रहे। बर्ड वाचिंग के दौरान उन्हें कई पक्षियों का देखा जिनमें ओरियंटल पाइड-हॉर्नबिल, मैग्पी-रोबिन, बुलबुल, ग्रे ट्रैपी, एलक्जैंडरिन पैराकीट, वुडपैकर आदि प्रजातियां थी। उन्होंने कहा कि पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देखकर एक अलग ही आनंद की अनुभूति हुई है।

राज्यपाल ने कहा कि पक्षियों की अलग-अलग चहचहाहट और क्रियाकलाप मन को प्रफुल्लित और आकर्षित करने वाला रहा। राज्यपाल ने कहा कि अन्य स्थानों पर जहां पक्षियों के दीदार मौसम पर निर्भर है, इस परिसर में वर्ष भर पक्षियों का बसेरा रहता है। पक्षियों की अविश्वसनीय विविधता से समृद्ध, उत्तराखंड पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों का घर है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के अनमोल खजाने से परिपूर्ण देवभूमि उत्तराखंड जैव विविधता अलग ही है जिसका प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाना जरूरी है ताकि यहां की जैव विविधता की जानकारी पूरे देश और दुनिया में हो सके।

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