राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh ने कहा है कि शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थी केन्द्रित होनी चाहिए। छात्रों का सर्वांगीण विकास एवं गुणवत्तापरक शिक्षा हमारा ध्येय वाक्य होना चाहिए। छात्रों की क्षमता विकास और उन्हें आधुनिक तकनीकों के उपयोग के लिए तैयार किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम, शिक्षण व्यवस्थाएं और वित्तीय प्रबंधन छात्रों के हित में हों। उक्त निर्देश राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को राजभवन में समस्त राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने की अनेक संभावनाएं मौजूद हैं वे अपने वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने पर विशेष जोर दें। विश्वविद्यालय स्वयं के वित्तीय संसाधनों के स्रोत विकसित करें और उनका बेहतर उपयोग किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि ई-ऑफिस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट्स जैसी आधुनिक तकनीकों का अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया जाय।
राज्यपाल ने कहा कि छात्र हित में, विश्वविद्यालय का विकास कुलपति का दायित्व हैं। कुलपति अपनी प्रतिभा, क्षमता का उपयोग विश्वविद्यालय की गुणवत्तापरक शिक्षा और संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग में करें। विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए नवाचार और छात्र हित में कड़े निर्णय लेने में संकोच नहीं करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की आंतरिक समस्याओं का समाधान कुलपति स्तर पर ही किया जाए।
राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर आधारित वार्षिक कलेण्डर बनाये जाएं जिसके आधार पर उनकी मॉनीटरिंग की जा सके। उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने संबद्ध संस्थानों के शैक्षणिक स्तर को और बेहतर बनाने के प्रयास करें।
बैठक में सभी कुलपतियों द्वारा विश्वविद्यालयों के स्तर पर लम्बित संबद्धता प्रकरणों की स्थिति, विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती, नवीन सत्रों की ऑनलाइन संबद्धता प्रारंभ किए जाने, संबद्धता हेतु निरीक्षण समिति का गठन एवं निरीक्षण, शैक्षणिक स्तर को उच्च स्तर बनाए जाने, विश्वविद्यालयों द्वारा स्वयं के संसाधनों से आय बढ़ाने एवं कार्यपरिषदों की बैठक की स्थिति सहित कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर बारी-बारी से राज्यपाल को जानकारी दी गयी।