सौरभ मैठाणी की कर्णप्रयाग विधानसभा पर समीक्षात्माक रिपोर्ट
त्रिवेन्द्र रावत सरकार में गठित हुए देस्थानम बोर्ड को तीर्थ पुरोहितों के लंबे आंदोलन के बाद धामी कैबिनेट ने 2022 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए रदद् कर दिया है । देवस्थानम बोर्ड के गठन के बाद पंडा पुरोहितों के आंदोलनों से भारतीय जनता पार्टी को हो रहे नुकसान को देखते हुए भाजपा के पूर्व जिलामंत्री व बद्रीनाथ धाम के पुजारी पंकज डिमरी ने इस पूरे प्रकरण में सेतु का कार्य कर पार्टी का सच्चा सिपाही होने का दायित्व भी निभाया । देवस्थानम बोर्ड गठन के बाद चारो तरफ से आन्दोलन कर रहे पंडा पुरोहितों को मनाने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनके कैबिनेट सहयोगियो ने केदारनाथ धाम पहुंच कर पण्डा पुरोहितों को मनाने को जुटे , मगर तीर्थ पुरोहित समाज की नाराजगी दूर न हो सकी । तब इस मामले के समाधान के लिए भाजपा के पूर्व जिलामंत्री पंकज डिमरी ने 2 नवम्बर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा की । और देवस्थानम बोर्ड के कारण सरकार के खिलाप बन रहे माहौल से आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को होने वाले संभावित नुकसान के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अवगत कराया । इस पूरे मामले को अच्छी तरह से समझने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने इस मामले में रिपोर्ट देने के लिए बनाई गयी कमेटी के अध्यक्ष मनोहरकांत ध्यानी को जल्द रिपोर्ट देने के लिए फोन किया । साथ ही पंकज डिमरी को आश्वस्त किया कि सरकार जल्द ही इस पर निर्णय लेकर मामले का पटाक्षेप कर देगी । इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर चिंतित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आन्दोलित तीर्थ पुरोहितों को मनाने के लिए भाजपा के पूर्व जिलामंत्री पंकज डिमरी को केदारनाथ भेजा । मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन करते हुए मोदी जी के दौरे से एक दिन पहले दीपावली के दिन पंकज डिमरी केदारनाथ पहुंचे । पंकज डिमरी द्वारा पंडा पुरोहितों के साथ हुई विभिन्न दौरों की बातचीत के बाद आखिरकार पण्डा पुरोहित प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान शान्ति व्यवस्था बनाये रखने पर राजी हो गये ।प्रधानमंत्री मोदी के केदारनाथ दौरे के सफलता पूर्वक सम्पन्न होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंकज डिमरी को धन्यवाद दिया और 30 नवम्बर को चार धाम देवस्थान बोर्ड को भंग कर इस विवादास्पद विधेयक को निरस्त करने की घोषणा कर दी । इस पूरे घटनाक्रम से पंकज डिमरी तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज में नायक की तरह उभर कर सामने आये । जिसका नतीजा है कि आज चार धाम तीर्थ पुरोहित व हक हकूकधारी आज पूरी तरह से भाजपा के साथ खड़े है । राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा उत्तराखंड सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह की वजह से नाराज ब्राह्मण, पण्डा पुरोहितों का विश्वास जीतने के लिए इस समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री बदरीनाथ धाम के पुजारी ब्राह्मण और भाजपा के युवा नेता पंकज डिमरी को कर्णप्रयाग विधानसभा से प्रत्याशी घोषित कर सकती है । सोशियल मीडिया रिपोर्ट के हिसाब से भाजपा के इस कदम से गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को लाभ होने के साथ ही इस का असर गंगोत्री और यमुनोत्री सीट पर भी पड़ेगा । चमोली से लेकर देहरादून तक हो रही इस चर्चा से यह लगता है कि पंकज डिमरी को यदि भाजपा कर्णप्रयाग से प्रत्याशी बनाती है तो कर्णप्रयाग की यह सीट भाजपा की झोली में जानी तय है ।