PM मोदी ने उत्तराखंड में 17 हजार करोड़ रुपए लागत की 23 परियोजनाओं का किया उद्घघाटन और शिलान्‍यास

UTTARAKHAND NEWS

पीएम मोदी ने गुरुवार को उत्तराखंड में 17 हजार करोड़ रुपए लागत की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्‍यास किया। इनमें 14,100 करोड़ रुपए की 17 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। इसमें सिंचाई, सड़क, आवासीय, स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर, उद्योग, स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति सहित कई क्षेत्रों से संबंधित हैं।

इसके अलावा 6 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है। इनमें सड़क चौड़ीकरण परियोजना, एक पिथौरागढ़ में पनबिजली परियोजना और नैनीताल में सीवरेज नेटवर्क में सुधार से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 3,400 करोड़ रुपए है।

राष्ट्रीय महत्व की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना लगभग 34,000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की सिंचाई, 300 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन और छह राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान को पेयजल की आपूर्ति करने में सक्षम बनाएगी।

सड़क निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं से गढ़वाल, कुमाऊं और तराई क्षेत्र में सड़क संपर्क व उत्तराखंड और नेपाल के बीच सड़क संपर्क में सुधार होगा। बेहतर सड़क संपर्क से जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंच में सुधार के अलावा रुद्रपुर और लालकुआं में औद्योगिक क्षेत्रों को भी फायदा होगा।

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण टनकपुर-पिथौरागढ़ सड़क से अब हर मौसम में संपर्क; सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की निर्बाध आवाजाही और कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा प्राप्त होगी।

उत्तराखंड में बढ़ रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर

इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, आज कुमाऊँ आने का सौभाग्य मिला तो कई पुरानी यादें ताजा हो गईं हैं। और ये इतनी आत्मीयता से आपने जो उत्तराखंडी टोपी मुझे पहनाई है, उसे पहनकर मुझे गर्व का अनुभव हो रहा है।

उन्होंने यह भी कहा, उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगा। उत्तराखंड में बढ़ रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चार धाम महापरियोजना, नए बन रहे रेल रूट्स, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएंगे।

स्थापना के 20 साल पूरे कर चुका उत्तराखंड

पीएम मोदी ने आगे कहा, उत्तराखंड से कितनी ही नदियां निकलती हैं। आजादी के बाद से ही, यहां के लोगों ने दो धाराएं और देखी हैं। एक धारा है- पहाड़ को विकास से वंचित रखने की। और दूसरी धारा है- पहाड़ के विकास के लिए दिन रात एक कर देने की।

उन्होंने यह भी कहा, उत्तराखंड अपनी स्थापना के 20 साल पूरे कर चुका है। इन वर्षों में आपने ऐसे भी सरकार चलाने वाले देखे हैं जो कहते थे- चाहे उत्तराखंड को लूट लो, मेरी सरकार बचा लो। इन लोगों ने दोनों हाथों से उत्तराखंड को लूटा। जिन्हें उत्तराखंड से प्यार हो, वो ऐसा सोच भी नहीं सकते।

पीएम मोदी ने कहा, जब हम किसी ऐतिहासिक स्थल पर जाते हैं तो वहां हमें ये बताया जाता है कि इस स्थान को इतने साल पहले बनाया गया था, ये इमारत इतनी पुरानी है। दशकों तक देश का ये हाल रहा है कि बड़ी योजनाओं की बात आते ही कहा जाता था- ये योजना इतने साल से अटकी है, ये प्रोजेक्ट इतने दशक से अधूरा है।

गंगोत्री से गंगासागर तक एक मिशन में जुटे

आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, पहले जो सरकार में रहे हैं, ये उनका परमानेंट ट्रेडमार्क रहा है। आज यहां उत्तराखंड में जिस लखवाड़ प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ है, उसका भी यही इतिहास है। इस परियोजना के बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था। आज 46 साल बाद, हमारी सरकार ने इसके काम का शिलान्यास किया है।

गंगोत्री से गंगासागर तक हम एक मिशन में जुटे हैं। शौचालयों के निर्माण से, बेहतर सीवरेज सिस्टम से और पानी के ट्रीटमेंट की आधुनिक सुविधाओं से गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों की संख्या तेजी से कम हो रही है।

भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल टेलीस्कोप की स्थापित

केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल टेलीस्कोप भी स्थापित की है। इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है।

आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें

पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं। पहले की सरकारों ने सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद कैसे इस क्षेत्र की अनदेखी की, ये राष्ट्ररक्षा के लिए संतानों को समर्पित करने वाली कुमाऊं की वीर माताएं भूली नहीं हैं।

कनेक्टिविटी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के हर पहलू को अनदेखा किया गया। हमारी सेना और सैनिकों को सिर्फ और सिर्फ इंतजार ही कराया। उत्तराखंड तेज़ विकास की रफ्तार को और तेज़ करना चाहता है। आपके सपने, हमारे संकल्प हैं; आपकी इच्छा, हमारी प्रेरणा है; और आपकी हर आवश्यकता को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है।

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