राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में 108 छात्र छात्राओं को, उपाधि और मेडल प्रदान किये गए

UTTARAKHAND NEWS

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए संस्थान के कुल 108 छात्र छात्राओं को, उपाधि और मेडल प्रदान किये।
राज्यपाल ने डिग्री पाने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं प्रदान करते हुए उनको राष्ट्र निर्माण में अपनी सक्रिय और सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत को यदि वर्ष 2047 तक श्रेष्ठ भारत, विकसित भारत और समृद्ध भारत बनना है तो उसमें तकनीक मुख्य भूमिका में रहेगी तथा तकनीक के विकास और उसके उपयोग करने की क्षमता निर्माण में एनआईटी जैसे तकनीकी संस्थानों की मुख्य भूमिका होती है।
उन्होंने कहा कि हमारे सामने विश्व गुरु भारत बनने की बड़ी चुनौती जरूर है, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम भारतीय प्रौद्योगिकी और तकनीकी संस्थानों द्वारा तैयार की जा रही स्किल्ड और प्रोफेशनलों की जेनरेशन से यह दर्जा जरूर हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि आज इन तकनीकी संस्थानों में प्रौद्योगिकी के साथ-साथ सामाजिक प्रबंधन, सांस्कृतिक समागम, ज्ञान और आध्यात्मिकता सभी दृष्टिकोण से कुशल पेशेवर तैयार किया जा रहे हैं। राज्यपाल ने जिन 108 लोगों को उपाधि प्रदान की उनमें 92 बीटेक, 12 पीएचडी और 4 एमटेक धारक लोग शामिल थे। इनमें से 6 लोगों को गोल्ड मेडल भी प्रदान किया गया।
राज्यपाल ने इस दौरान चंद्रबदनी, नंदा देवी, राजराजेश्वरी, शिव भक्ति, कंसमर्दनी और भागीरथी स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए गए उत्पादों का भी अवलोकन किया तथा महिलाओं के इन प्रयासों की मुक्तकंठ प्रशंसा भी की।
आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर चंद्रशेखर ने पास आउट हुए लोगों से एक कर्तव्यनिष्ट, समर्पित, तार्किकता से परिपूर्ण और आविष्कारक एटीट्यूड वाले नागरिक बनने की प्रेरणा दी।
निदेशक एवं अध्यक्ष शासकीय मण्डल एनआईटी श्रीनगर, प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने समारोह में अतिथियों और सभी जनमानस का स्वागत करते हुए संस्थान की उपलब्धियां, उसका इतिहास और भविष्य के लक्ष्य को सबसे साझा किया।

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