श्री केदारनाथ धाम सहित तृतीय केदार यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक उन्मूलन के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (डीआरएस) में जनपद रुद्रप्रयाग को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। शनिवार को दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित एवं उपजिलाधिकारी ऊखीमठ जितेन्द्र वर्मा को यह पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
जिलाधिकारी मूयर दीक्षित के कुशल नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं द्वारा उपयोग की जाने वाली पानी की बोतल, कोल्ड ड्रिंक समेत अन्य प्लास्टिक का सामान इस्तेमाल करने के बाद उसका उचित निस्तारण करने के लिए रिसाइकिल संस्था के साथ मिलकर पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केदारनाथ यात्रा मार्ग में एवं दूसरे चरण में चोपता, तुंगनाथ और देवरिया ताल मार्ग पर क्यू आर कोड व्यवस्था को लागू किया गया। जिला प्रशासन के अथक प्रयास से प्लास्टिक उन्मूलन के लिए क्यू आर कोड प्रणाली शुरू कर प्लास्टिक बोतलों की टैगिंग की गई स हर क्यू आर कोड लगी बोतल पर बिक्री के समय 10 रुपए अतिरिक्त वसूले जाते हैं, वहीं प्रत्येक बोतल वापस जमा करने वाले को दस रुपए दिए जाते हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से बैन किया जा चुका है, ऐसे में यात्रा मार्ग पर लाखों श्रद्धालुओं द्वारा पानी की बोतलों, कोल्ड ड्रिंक समेत अन्य प्लास्टिक का सामान इस्तेमाल करने के बाद उसका उचित निस्तारण बड़ी चुनौती है। रिसायकल संस्था के साथ मिलकर पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केदारनाथ यात्रा मार्ग एवं दूसरे चरण में चोपता-तुंगनाथ और देवरियाताल मार्ग पर क्यूआर कोड व्यवस्था को लागू किया गया। इस वर्ष पानी की बोतलों पर क्यूआर लगाने से प्रोजेक्ट शुरु हुआ था जबकि बाद में कोल्ड ड्रिंक की बोतलों पर भी इसे लागू किया गया। आगामी यात्राओं में योजना को बड़े पैमाने पर लागू कर सभी प्रकार के प्लास्टिक कचरे को निस्तारित करने के लिए इस्तेमाल करने पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा जनपद रुद्रप्रयाग को डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम के तहत नामित किया गया था जिसमें जनपद ने राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल इंडिया अवॉर्ड्स 2023 में सिल्वर मेडल का पुरस्कार जीता है।