जिला सभागार टिहरी गढ़वाल में जिला पर्यावरणीय योजना क्रियान्वयन के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई, पढ़े खबर

UTTARAKHAND NEWS

जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विभागवार बायोमेडिकल वेस्ट जनरेशन, इलेक्ट्रिक वेस्ट, वायु और ध्वनि प्रदूषण, गीला और सूखा कचरा प्रबन्धन, घर-घर जाकर कचरे का पृथक्करण आदि कार्यक्रमों की समीक्षा एवं अनुपालन की स्थिति पर चर्चा की गयी। मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद में प्लास्टिक उन्मूलन को लेकर एक तिथि निर्धारित कर एक मुहिम चलाकर प्लास्टिक का संग्रह किया जाय, जिसमें सभी विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की जाय।बायोमेडिकल वेस्ट जनरेशन के संबंध में संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि नरेन्द्रनगर में जैव चिकित्सा अपशिष्ट उत्पादन प्रबन्धन संयंत्र हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से तत्काल प्रस्ताव उपलब्ध करायें तथा 15 दिन के अन्दर सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर 31 अक्टूबर, 2022 तक कार्य सम्पादित करना सुनिश्चित करें। जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, नगरीय स्थानीय निकाय के स्वास्थ्य केन्द्र से बायोमेडिकल वेस्ट इक्ट्ठा होकर इस संयंत्र में जायेगा। इसके लिए नोडल अधिकारी सीएमओ होंगें, जिनके द्वारा इसकी निगरानी की जायेगी। अधिशासी अधिकारी नगरपालिका टिहरी को निर्देशित किया गया कि वायु प्रदूषण निगरानी संबंधी रिपोर्ट प्रतिदिन जिला आपदा परिचालन केन्द्र को उपलब्ध करायें। डीएफओ को निर्देशित किया गया कि नरेन्द्रनगर एवं मुनिकीरेती में वायु प्रदूषण निगरानी हेतु स्थान चिन्हीकरण के लिए नगरपालिका, वन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं राजस्व विभाग की चार सदस्यीय कमेटी गठित करना सुनिश्चित करें। साथ ही जी.बी. पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान से समन्वय कर जनपद मुख्यालय में वायु और ध्वनि प्रदूषण को लेकर एक कक्ष की व्यवस्था करने के साथ ही संस्थान के अधिकारियों को टेक्निकल स्टाफ एवं उपकरण रखने हेतु पत्र व्यवहार किया जाय।
निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबन्धन के संबंध में जनपद के समस्त अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण एवं विध्वंस से कुल अपशिष्ट, चिन्ह्ति डम्पिंग जोन आदि की सूचना एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। वहीं एआरटीओ को निर्देशित किया गया कि जनपद में कुल संचालित कुल ई-रिक्शा, डीजल वाहन, पैट्रोल वाहन, सार्वजनिक परिवाहन, प्रदूषण नियंत्रण केन्द्र की रिर्पोट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही वायु प्रदूषण को लेकर निगरानी एवं चालानी कार्यवाही करते रहें। सभी संबंधित अधिकारियों को अलग-अलग तरह के कचरे को लेकर चेतावनी बोर्ड बना कर लगाने तथा एक सप्ताह मंे रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया।

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