पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस), जल शक्ति मंत्रालय 2 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती स्वच्छ भारत दिवस (एसबीडी) के रूप में मनाएगा। विभाग अपनी प्रेरणा महात्मा गांधी से लेता है जिन्होंने एक बार कहा था, “स्वच्छता भक्ति से भी बढ़कर है”। स्वच्छ भारत मिशन को उन लोगों से ताकत मिलती है जिन्होंने इसे ‘संपूर्ण स्वच्छता‘ सुनिश्चित करने वाला जन आंदोलन बनाया है।
विभाग द्वारा 2 अक्टूबर 2022 को विज्ञान भवन में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की अध्यक्षता करेंगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, श्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और जल शक्ति और जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू समारोह में उपस्थित रहेंगे।
डीडीडब्ल्यूएस केंद्र सरकार के दो प्रमुख कार्यक्रमों को क्रियान्वित करता है; स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और जल जीवन मिशन (जेजेएम) जेजेएम की घोषणा 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाल किले की प्राचीर से की गई थी, जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर में नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराना था। इसी तरह, ग्रामीण भारत को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) की स्थिति को बनाए रखने और हर गांव में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण भारत को ओडीएफ+ बनाने के लिए मार्च 2020 में एसबीएम (जी) चरण II शुरू किया गया था।
कार्यक्रम के दौरान, राष्ट्रपति को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 रिपोर्ट पेश की जाएगी। विभाग 2018 से स्वच्छ सर्वेक्षण का संचालन कर रहा है। 2022 सर्वेक्षण करने के लिए, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा 9 सितंबर 2021 को सर्वेक्षण शुरू किया गया था। स्वच्छ सर्वेक्षण रिपोर्ट में रैंकिंग, क्षेत्र-सर्वेक्षण, मूल्यांकन और नागरिकों की धारणा का विवरण दिया जाएगा। इसके अलावा, स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2023 से संबंधित विवरण भी साझा किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में ‘कार्यात्मकता आकलन वित्त वर्ष 2021-22′ पर रिपोर्ट भी जारी की जाएगी। रिपोर्ट काम कर रहे नल कनेक्शनों की संख्या, नियमितता और आपूर्ति किए गए पानी की निर्धारित गुणवत्ता का आकलन करने के लिए विभाग द्वारा किए गए तीसरे पक्ष के सर्वेक्षण पर आधारित है। सर्वेक्षण के दौरान 712 जिलों के 13,299 गांवों में जांच की गई। कुल 3,01,389 घरों और 22,596 सार्वजनिक संस्थानों का सर्वेक्षण किया गया। घरों से 2,19,564 पानी के नमूने और सार्वजनिक संस्थानों से 9,844 नमूनों का परीक्षण किया गया। 2022 के लिए नमूना आकार पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना है।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 और जेजेएम कार्यात्मकता मूल्यांकन रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर, विभाग के दो मिशनों के कार्यान्वयन और प्रगति के आधार पर, 2 अक्टूबर 2022 को होने वाले कार्यक्रम के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और जिलों को सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम में जल जीवन सर्वेक्षण 2023 का शुभारंभ भी किया जाएगा। सर्वेक्षण सभी ‘हर घर जल’ गांवों में नल के पानी के कनेक्शन की कार्यात्मकता के बारे में पता लगाएगा। यह जल जीवन मिशन के उद्देश्य को प्राप्त करने का एक साधन है कि गांव के प्रत्येक घर में नियमित रूप से पीने योग्य पानी की पर्याप्त मात्रा पहुंच रही है।
विभाग इस अवसर पर दो अभियान भी शुरू करेगा:
• बेहतर मल प्रबंधन की दिशा में घरों में दो गड्ढे वाले शौचालयों को बढ़ावा देने के लिए “रेट्रोफिट टू ट्विन पिट अभियान“। यह अभियान विश्व शौचालय दिवस यानी 19 नवंबर 2022 को समाप्त होगा।
• स्वच्छ जल से सुरक्षा : पानी की गुणवत्ता पर आधारित यह अभियान स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल के महत्व पर जागरूकता पैदा करने में मदद करेगा और ग्रामीण घरों में आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता की निगरानी में भी मदद करेगा।