राजभवन में शुक्रवार को पिथौरागढ़ जिला प्रशासन एवं स्वयं सहायता समूह द्वारा बेडू के उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी गई। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) गुरमीत सिंह ने कहा कि बेडू के उत्पादों को लोकल से ग्लोबल तक पहुंचाने के प्रयास करने होंगे इसके लिए उत्पादों की पैकेजिंग व ब्रांडिग के लिए कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्पादों की पैकेजिंग को विश्व स्तरीय बनाने के प्रयास करने होंगे जिससे इसकी देश-विदेश में मांग बढ़ सके। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने मन की बात में जिला प्रशासन पिथौरागढ़ द्वारा बेडू के उत्पादों का जिक्र किया जा सभी के लिए गर्व की बात है।
राज्यपाल ने कहा कि बेडू के उत्पादों को कॉपरेटिव(सहकारिता) से कॉरपोरेट(संगठित उद्योग) की ओर ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए पैकेजिंग, प्रोसेसिंग(प्रसंस्करण), लैब(प्रयोगशाला) और सप्लाई चेन(वितरण श्रृंखला) पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने जिला प्रशासन की इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि रोजगार बढ़ाने की दिशा में यह कारगर पहल है। जहाँ इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे वहीं इससे आर्थिकी में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि उत्पादों की गुणवत्ता परीक्षण हेतु पिथौरागढ़ में एक लैब भी तैयार की जाए। उन्होंने जिलाधिकारी से इसे पायलेट प्रोजैक्ट के रुप में लेते हुए रोड मैप तैयार करने को कहा। बेडू उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक फल है जिसे अंजीर भी कहते हैं। स्थानीय प्रशासन की पहल पर इस फल को विश्व स्तर पर खास पहचान मिलने जा रही है। डीएम पिथौरागढ़ डा. आशीष चौहान की पहल पर सुदर्शन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बेडू से जैम, स्क्वैश, चटनी, जूस आदि उत्पाद बनाये जा रहे हैं।
डीएम डा. आशीष चौहान ने बताया कि इस वर्ष 500 किलो बेडू के उत्पाद तैयार किये गए जिसे अगले वर्ष इसे 250 से 300 कुंतल करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हिलांस के सहयोग से ऑनलाइन मार्केटिंग की जा रही है और कई राज्यों से इसकी डिमांड भी आ रही है। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष पिथौरागढ़ दीपिका बोरा, प्रसंस्करण विशेषज्ञ कविन्द्र सिंह चौहान, टीम लीडर कुलदीप बिष्ट सुदर्शन आजीविका संस्था की श्रीमती शिखा थापा, श्रीमती रेखा खड़ायत, कु.चंद्रा आर्या और संस्था से जुड़ी महिलाएं उपस्थित थी।