महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से वीरवार को राजभवन में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, राज्य कार्यालय के निदेशक राम नारायण व अन्य अधिकारियों ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने खादी ग्रामोद्योग की योजनाओं और किये जा रहे क्रियाकलापों की जानकारी व प्रस्तुतीकरण दिया।
राज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि खादी भारतीयता की पहचान है खादी एवं ग्रामोद्योग को लोकल से ग्लोबल तक जोड़ने के प्रयास किये जायें। खादी एवं ग्रामोद्योग में रोजगार के अभूतपूर्व अवसर है जिसके जरिये लोगों को सशक्त किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय खादी के वस्त्र, हस्तशिल्प के उत्पाद या ग्रामोद्योगों में बने खाद्य पदार्थों ने एक राष्ट्र के रूप में भारत को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दी है। यह हमारे पूर्वजों और ग्रामीण संस्कृति की धरोहर भी है। उन्होंने कहा कि ये उत्पाद न केवल विश्व स्तरीय होते हैं बल्कि प्रकृति के करीब भी होते हैं। राज्यपाल ने कहा कि इन उत्पादों का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार के साथ ही इनके पेकेजिंग एवं मार्केटिंग की उचित व्यवस्था पर विशेष फोकस किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पादों का वैश्विक बाजार में हिस्सा बढ़े इस पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है। उन्होनें कहा कि राष्ट्र की ग्राम्य व्यवस्था में खादी ग्रामोद्योग आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है। आयोग से जुड़े बुनकर, कलाकार और ग्रामोद्योगों में लगे मजदूर, किसान और कारीगर इस व्यवस्था की ऐसी कड़ियां हैं जिनका योगदान इसे बनाने तक सीमित नहीं है अपितु लगातार इसे सुदृढ़ करने में भी है। उन्होंने कहा कि समय और मांग के अनुरूप हस्तशिल्प उत्पाद तैयार किये जाएं जिससे उनकी डिमाण्ड बढ़े और बिक्री हो सके। इस दौरान आयोग के श्री यू.एस. रावत, श्री जे.एस. मलिक भी उपस्थित रहे।
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