प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना: हर गांव तक पहुंच रही विकास की राह

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कृषि प्रधान देश की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ऐसे में गांव की सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति की कल्पना बिना अच्छी सड़कों के करना संभव नहीं है। देश के दूरदराज क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में मददगार पहल साबित हो रही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना। इस योजना के तहत 7.06 लाख किमी सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने के साथ देश के करीब 2 लाख गांवों को पक्की सड़क से जोड़ा जा चुका है।

अर्थव्यवस्था में ग्रामीण आबादी का योगदान बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार कई पहलुओं पर काम कर रही है। ऐसे में ग्रामीण आबादी का सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान करते हुए, माल के बेहतर वितरण और सेवाओं, सुविधाओं और रोजगार के अवसरों तक पहुंच का मार्ग प्रशस्त करने में सड़कों महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस संदर्भ में, ग्रामीण क्षेत्रों के नियोजित विकास में, ग्रामीण सड़कों का विकास सरकार के लिए एक प्रमुख फोकस है। यही वजह है कि कोरोना काल में भी सड़कों का निर्माण नहीं रूका और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत करीब 8 लाख किमी की सड़कें स्वीकृत हैं, जिसकी कुल लागत 334 लाख करोड़ रुपये है। इसमें से 7.06 लाख किमी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है।

साल 2000 में हुई थी शुरुआत

इस योजना की शुरुआत साल 2000 की गई थी। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा आयोजित की गई थी। योजना के तहत मैदानी क्षेत्रों में 500 से अधिक जनसंख्या और उत्तर-पूर्व, पर्वतीय, आदिवासी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में 250 से अधिक जनसंख्या वाले इलाकों में सड़क निर्माण, या मरम्मत किया जाता है। इस योजना के तहत एक लक्ष्य लेकर निर्माण कार्य पूरा करने के लिए तीन चरण आ चुके हैं। 99% ग्रामीण बस्तियों को जोड़ने का कार्य पूरा हो चुका है। दोनों चरणों के अनुसार सड़कों का निर्माण प्लास्टिक तथा कोल्ड मिक्स टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके किया जा चुका है।

पीएमजीएसवाई-III को वर्ष 2019 में 1,25,000 किलोमीटर मौजूदा रूटों और प्रमुख ग्रामीण लिंकों के माध्यम से बसावटों के साथ-साथ ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्चतर माध्यमिक स्कूलों और अस्पतालों को जोड़ने के लिए शुरू किया गया था और योजना की कार्यान्वयन अवधि मार्च, 2025 तक है।

रोजगार सृजन क्षमता सहित प्रमुख प्रभाव

भारत की समृद्धि में ग्रामीण सड़कों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। पीएमजीएसवाई पर किए गए विभिन्न स्वतंत्र प्रभाव मूल्यांकन अध्ययनों का निष्कर्ष है कि इस योजना का कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरीकरण और रोजगार सृजन आदि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। विकास के संदर्भ में ग्रामीण संपर्क एक अनिवार्यता है। शेष बसावटों के लिए सभी मौसमों में सड़क संपर्क से इनजुड़ी हुई बसावटों की आर्थिक संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। मौजूदा ग्रामीण सड़कों के उन्नयन से लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के लिए परिवहन सेवाओं के प्रदाता के रूप में सड़क नेटवर्क की समग्र दक्षता में सुधार होगा। सड़कों के निर्माण या उन्नयन से स्थानीय जनता को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के रोजगार प्राप्त होगें।

कारोबार-व्यापार होगा आसान

सड़क से जुड़ने से गांवों में न सिर्फ आवागमन, बल्कि ग्रामीणों के लिए कारोबार-व्यापार भी आसान होगा। गांवों को सड़कों से जुड़ने से आवाजाही की सुविधा के साथ ग्रामीण इलाकों में भी फैक्ट्री आदि लगाना आसान होगा। इससे ग्रामीणों के जनजीवन में सुधार आएगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सड़कों के बनने से आद अधिकांश किसान अनाज, सब्जी, दूध आदि को आसानी से मंडी और बाजार तक पहुंच रहे हैं और आसानी से बेंच पा रहे हैं। इससे उनकी आय भी बढ़ेगी। इसके अलावा गांवों तक सार्वजनिक परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

जिला और ग्राम सड़कें शामिल

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सिर्फ अन्य जिला सड़कों एवं ग्राम सड़कों को सम्मिलित किया जा सकता है। शहरी क्षेत्र की सड़कों को इस कार्यक्रम से बाहर रखा गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक बसाहट को कम से कम एक ऑल वेदर टाइप सड़क सम्पर्क उपलब्ध कराना है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बिना जुड़ी बसाहट को प्राथमिकता देना है। सभी बिना जुड़ी बसाहटों के सम्मिलित होने के बाद ही गिटटीकृत सड़कों से जुड़ी बसाहटों के उन्नयन का कार्य लिया जाना है।

सड़क निर्माण में हरित प्रौद्योगिकी का प्रयोग

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ग्रामीण सड़कों के निर्माण में नई और हरित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा देती है। किफायती और तेजी से निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सड़क निर्माण में स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। अब तक नई और हरित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए 1 लाख किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, जिसमें से 61,000 किलोमीटर से अधिक का काम पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश राज्य को हाल ही में फुल डेप्थ रिक्लेमेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से निर्माण के लिए 1,255 किलोमीटर सड़क की मंजूरी दी गई है, जिससे न केवल लागत और समय की बचत होगी, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा।

गुणवत्ता मॉनिटर और निरीक्षणों की वृद्धि

पीएमजीएसवाई निर्माण के दौरान और निर्माण के बाद सड़क के निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए त्रिस्तरीय गुणवत्ता आश्वासन तंत्र की परिकल्पना की गई है। बेहतर गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्रीय और राज्य, दोनों स्तरों पर गुणवत्ता मॉनिटर और निरीक्षणों की संख्या में वृद्धि की गई है। हाल के वर्षों में संतोषजनक कार्यों के अनुपात में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई है।

ग्रामीण सड़क से संबंधित कर सकते हैं शिकायत

अगर इस योजना के अंतर्गत काम नहीं हो रहा, या इस योजना के तहत बनी हुई सड़क से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज करवानी हो, तो इसके लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की तरफ से मेरी सड़क नामक एकमोबाइल ऐप की शुरुआत की गई है। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सड़क संबंधी शिकायत दर्ज करवा सकता है।

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