कोविड और वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत के लिए बड़ी खबर आई है। विश्व बैंक के मुताबिक पिछले एक दशक में भारत में गरीबी में रिकॉर्ड 12.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। खास बात यह है कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में तेजी के साथ गिरावट अधिक हुई है। रिपोर्ट में बताया गया गया है भारत में छोटे जोत वाले किसानों की आय में उच्च वृद्धि हुई है जो गरीबी घटने का मुख्य कारण रहा है।
विश्व बैंक के पालिसी रिसर्च पेपर में दी गई जानकारी
भारत में गरीबी की दर 2011 में 22.5 फीसदी से घटकर 2019 में 10.2 फीसदी हो गई है। गरीबी में कमी शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में अधिक आई है। ग्रामीण इलाकों में गरीबी 2011 में 26.3 प्रतिशत से गिरकर 2019 में 11.6 प्रतिशत हो गई है। वहीं शहरी क्षेत्रों में यह गिरावट इसी अवधि के दौरान 14.2 प्रतिशत से घटकर 6.3 प्रतिशत हो गई है।
भारत में छोटी जोत वाले किसानों की स्थिति में आया बड़ा बदलाव
वहीं अगर ग्रामीण और शहरी गरीबी की बात करें तो 2011-19 के दौरान 14.7 और 7.9 प्रतिशत अंक की गिरावट आई है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी में गिरावट की बड़ी वजह है कि भारत में छोटी जोत वाले किसानों की स्थिति में बदलाव आया है।
सबसे छोटे आकार के खेत वाले किसानों की आय में 10% की वृद्धि
अध्ययन के अनुसार छोटे आकार की जोत वाले किसानों ने अपनी आय में पहले के मुकाबले अच्छा इजाफा महसूस किया है। सबसे छोटी जोत वाले किसानों को 2013-19 के बीच वार्षिक रूप से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि सबसे बड़ी जोत वाले किसानों के लिए दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भारत की जीडीपी चौतरफा स्थापित कर रही नए कीर्तिमान
भारत की जीडीपी चौतरफा नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। देश में टीकाकरण, आपूर्ति सुधार और नियमन में आसानी से होने वाले लाभ, निर्यात में तेज बढ़ोतरी और पूंजी खर्च करने में तेजी लाने के बाद अब गरीबी में आई गिरावट के आंकड़ों ने देश में एक नई जान डाल दी है।
केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं और तमाम नीतियों से आए बदलाव
वर्तमान में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाएं और तमाम नीतियां स्थिति में तेजी के साथ बदलाव ला रही है। कोविड जैसे मुश्किल हालातों में धीमी रफ्तार के बावजूद देश एक बार फिर विकास मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे न केवल देश का किसान संपन्न हो रहा है बल्कि अर्थव्यवस्था में भी मजबूती आई है।
केंद्रीय पूल के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ वर्ष 2021-22 में खाद्यान्नों की खरीद में बढ़ोतरी हुई। इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और किसानों की आय में काफी वृद्धि हुई। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कृषि क्षेत्र के इस बेहतरीन प्रदर्शन में सरकार की नीतियां काफी मददगार रही हैं, जिससे किसानों को महामारी संबंधी बाधाओं के बावजूद समय पर बीजों और उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित हुई। कृषि क्षेत्र को अच्छी मॉनसून बारिश से भी मदद मिली है, जो जल संचय स्थलों के 10 साल की औसत से अधिक स्तर के रूप में दिखता है।