नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अब स्कूलों के बैंड बारी-बारी से नियमित तौर पर प्रस्तुति देंगे। रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय राज्य राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के परामर्श से स्कूलों के बैंडों की एक सूची तैयार करने का निर्देश दिया है ताकि स्कूल बैंड राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रस्तुति दे सकें।
स्मारक की पवित्रता का रहेगा ध्यान
स्मारक की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक एवं संग्रहालय निदेशालय, एकीकृत रक्षा सेवा मुख्यालय के समन्वय से बैंड का स्थान, थीम, धुन आदि तय किया जा सकता है।
बैंड चयन का अनुरोध
शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों से इस नियमित कार्यक्रम के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक एवं संग्रहालय, एकीकृत रक्षा सेवा मुख्यालय के समन्वय से प्रस्तुति करने के लिए अपने संबंधित राज्यों के स्कूलों से एक बैंड का चयन करने का अनुरोध किया है। सीबीएसई रक्षा मंत्रालय के सहयोग से सभी स्कूलों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।
बैंडों की प्रस्तुति 22 फरवरी को संभावित
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में इन स्कूल बैंडों की प्रस्तुति की संभावित तिथि 22 फरवरी, 2022 है, जो राष्ट्र को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के समर्पण की तीसरी वर्षगांठ से पहले है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया था।
स्कूली बच्चों में देशभक्ति जगाना उद्देश्य
इस पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों में देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण, साहस और बलिदान के मूल्यों को जगाना और लोगों, विशेषकर युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है, ताकि वे प्रतिष्ठित युद्ध स्मारक से जुड़े विभिन्न पहलुओं का अनुभव कर सकें। यह वीर गाथा परियोजना के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है, जिसे रक्षा तथा संस्कृति मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से बच्चों को शुरुआती दौर में युद्ध नायकों की वीरतापूर्ण कहानियों के बारे में जा