केंद्र सरकार की ”राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति” और मोटर वाहन नियम, 2021 के कार्यान्वयन का नतीजा देश का सामने है। इसे केंद्र सरकार के सफल प्रयास ही कहेंगे कि साल 2020 में सड़क हादसों की संख्या में भारी कमी आई है। बताना चाहेंगे कि केंद्र की यह नीति सड़क सुरक्षा को लेकर विभिन्न नीतिगत उपायों की रूपरेखा तैयार करती है जैसे जागरूकता को बढ़ावा देना, सड़क सुरक्षा सूचना डेटा बेस स्थापित करना, सुरक्षित सड़क बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहित करना जिसमें परिवहन इंटेलिजेंस का उपयोग, सुरक्षा कानूनों का प्रवर्तन इत्यादि शामिल हैं। केवल इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने ”राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति’ लाने के साथ ही सड़क सुरक्षा के मामलों में नीतिगत निर्णय लेने के लिए शीर्ष निकाय के रूप में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद का भी गठन किया था। केंद्र के इन्हीं प्रयासों से आज सड़क सुरक्षा की दिशा में बड़ा सुधार देखा जा रहा है।
सड़कों पर होने वाले हादसों के अनेक कारण
गौरतलब हो आर्थिक विकास, तकनीकी उन्नति और आवागमन की बढ़ती जरूरतों के कारण सड़कों पर यातायात बढ़ा है। सड़कों पर यह बढ़ा हुआ यातायात, सड़क उपयोक्ताओं की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौति पेश करता है और इसके परिणामस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में लोग घायल होते हैं और मारे जाते हैं। सड़कों पर होने वाली ऐसे नुक्सान के अनेक कारण पहचाने गए हैं। अनुचित और अत्यधिक गति, सीट बेल्टों और चाइल्ड रेस्ट्रेंट्स का इस्तेमाल न करना, शराब पीकर वाहन चलाना, दुपहिया सवारों द्वारा हेलमेट का इस्तेमाल न किया जाना, सड़कों की संरचना की खराब डिजाइन या अपर्याप्त रखरखाव और ऐसे वाहनों का चलना जो पुराने हैं, सही रख-रखाव वाले नहीं है या जिनमें सुरक्षा विशेषताओं का अभाव है, यातायात का कमजोर नियमन और प्रवर्तन, ये ऐसे ही कुछ कारण हैं। इस संदर्भ में मंत्रालय ने सभी राज्यों में सड़क सुरक्षा सुधारने के लिए बहु-आयामी रणनीति लागू करने हेतु एक कार्ययोजना का प्रारूप वितरित किया। इसके बाद देश में सड़का सुरक्षा को लेकर बड़े सुधार नजर आए।
केंद्र सरकार ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे को हल करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति की तैयार
इसके तहत मंत्रालय ने 4 ‘ई’ के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को हल करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की जिसमें शिक्षा, इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों), प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल शामिल है। इसके अलावा मंत्रालय ने सभी राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों से राज्य सड़क सुरक्षा परिषद और जिला सड़क सुरक्षा समितियों की स्थापना करने और नियमित रूप से अपनी बैठकें आयोजित करने को कहा जिसे बाद में अमल में भी लाया गया। याद हो समूह की सिफारिशों के आधार पर ही मंत्रालय द्वारा मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2017 भी लाया गया जिसमें सड़क सुरक्षा के सभी पहलुओं को शामिल किया गया था। सड़क हादसों को कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा ऐसे तमाम प्रयास किए गए हैं।
इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान
केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर सड़क सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का कार्य भी किया जाता रहा है। इसके जरिए लोगों में सड़क पर होने वाले हादसों को लेकर सतर्कता तो बढ़ी ही है साथ ही साथ लोगों में सड़क हादसे के दौरान घायलों की मदद करने का हौसला भी बढ़ा है। सरकार के जागरूकता अभियान का असर है कि लोग ऐसी परिस्थिति में अब पर स्वंय आगे आकर घायलों की मदद करने को तैयार होते हैं। इस प्रकार समय पर घायलों को अस्पताल पहुंचाने से कई लोगों की जान बचाई जा सकी है जिससे सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में भी कमी आई है।