विश्व पर्यावरण दिवस के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के आशीर्वाद से आज राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रव्यापी कवियों ने पर्यावरण को समर्पित कविताओं का पाठ कर सभी को भावविभोर कर दिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती, मानस कथाकार संत मुरलीधर, राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत जगदीश परमार्थी, संरक्षक, राष्ट्रीय कवि संगम, ओजकवि डा.हरिओम पंवार और भारत के विभिन्न राज्यों से आये युवा कवियों ने दीप प्रज्वलित कर हरित व पर्यावरण समर्पित काव्यपाठ किया। मध्यप्रदेश की न्यायमूर्ति सुनीता यादव और उनके पति डायरेक्टर जनरल, फारेस्ट एसपी यादव ने भी काव्यपाठ का पूरा-पूरा आनंद लिया।
स्वामी ने देश के विभिन्न राज्यों से कवियों को आज विश्व पर्यावरण दिवस पर एक-एक रुद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट करते हुये कहा कि हमारी धरती ही हमारा भविष्य है। पेड़-पौधें धरती का श्रंगार हैं। पेड़ हैं तो हमारा जीवन हैं। आईये आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपनी धरा को हरियाली से युक्त, प्रदूषण से मुक्त करने का संकल्प लें। आप सभी कवि इस दिव्य मंच से पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेगे तो दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी। जिससे किसी का दिन, किसी का दिल और किसी का पूरा जीवन बदल जायेगा।
स्वामी आज परमार्थ गंगा तट से सभी का आह्वान करते हुये कहा कि सम्पूर्ण मानवता का अस्तित्व पर्यावरण पर निर्भर करता है, वर्ष 2000 के बाद से धरती पर 29 प्रतिशत सूखे की वृद्धि हुई है हम तुरन्त न जागे और हमने एक्शन नहीं लिया तो वर्ष 2050 तक दुनिया की 80 प्रतिशत आबादी सूखे से प्रभावित हो सकती है इसलिये हम सभी को कुछ न कुछ कदम उठाने होगे। जो जिस भी क्षेत्र में भी कार्य कर रहे हैं उन सभी को अपने जीवन के लिये ऑक्सीजन की जरूरत तो हैं इसलिये पर्यावरण संरक्षण के लिये सभी को अपने अपने स्तर पर कार्य भी करने होगे तभी कुछ हम परिवर्तन ला सकते हैं।