सीमांत जनपद चमोली में उद्यान विभाग द्वारा जिला योजना से फ्लोरीकल्चर के लिए शुरु की गई मुहीम रंग ला रही है। जिले के काश्तकार योजना में 80 फीसदी सब्सिडी और उद्यान विभाग के तकनीकी सहयोग से व्यवासायिक स्तर पर लीलियम फूलों के कारोबार से अच्छा मुनाफा कमाने लगे हैं। योजना से जुड़े काश्तकार अभी तक लीलियम के विपणन से 5 लाख से अधिक की आय कर चुके हैं। लीलियम का पुष्प सिर्फ 70 दिनों में तैयार होता है। शादी, पार्टी और घरेलू सजावट के लिए इस फूल की बड़े पैमाने पर डिमांड है। लीलियम की एक पंखुड़ी की बाजार में 50 से 100 रुपये तक कीमत आसानी से मिल जाती है। जिससे इसकी व्यवसायिक खेती लाभप्रद है। लीलियम उत्पादन से जुडे सरतोली गांव के महेंद्र सिंह और गोपेश्वर के नीरज भट्ट का कहना है कि उद्यान विभाग के तकनीकी सहयोग, विपणन की व्यवस्था और जिला प्रशासन की ओर से प्रदान की जा रही सब्डिसी से उन्हें बेहतर आय अर्जित हो रही है।