देहरादून, 11 नवम्बर। राज्य में परिसंपत्तियों, विशेषकर भूमि के क्रय-विक्रय का वर्चुअल रजिस्ट्रेशन सिस्टम शुरू होने से व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, समय की बचत होगी और भूमि संबंधी विवादों में कमी आएगी। यह बात मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन ने सोमवार को आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कही।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को निर्धारित टाइमलाइन के भीतर पूर्ण किया जाए और इसके लिए सभी संबंधित हितधारकों से समन्वय सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि तैयार हो रहे एप्लीकेशन/पोर्टल में इस प्रकार का प्रावधान होना चाहिए कि भूमि के क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेज़ ऑटो मोड पर, पेपरलेस प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न विभागों, निकायों और एजेंसियों के बीच शीघ्रता से साझा हो सकें।
उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के लागू होने से भूमि का एक समान और सही रिकॉर्ड सभी संबंधित पक्षों के पास उपलब्ध रहेगा, जिससे विवादों में कमी आएगी।
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि संबंधित एप्लीकेशन तैयार हो चुकी है। मुख्य सचिव के मार्गदर्शन के अनुसार इसमें आवश्यक संशोधन के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर हेतु टेंडरिंग प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
बताया गया कि इस पोर्टल में भूमि रजिस्ट्रेशन के तीन विकल्प होंगे—
1️⃣ पारंपरिक रूप से दस्तावेजों सहित रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन।
2️⃣ रजिस्ट्रेशन कार्यालय में बिना दस्तावेज़ों के (पेपरलेस) रजिस्ट्रेशन।
3️⃣ बिना किसी मध्यस्थ के वर्चुअल (ऑनलाइन) माध्यम से रजिस्ट्रेशन।
इस परियोजना को 1 अप्रैल 2026 से पूरे राज्य में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव श्रीमती सोनीका व आलोक कुमार पांडेय, सहायक महानिरीक्षक निबंधक अतुल शर्मा, उपसचिव सुनील सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।




