भारत ने देश में वित्तीय समावेशन की दिशा में इस वर्ष अगस्त महीने में उल्लेखनीय सफलता दर्ज की जब डिमेट खातों की संख्या बढ़कर पहली बार दस करोड से ऊपर पहुंच गई। नेशनल सिक्यूरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड-एन डी एस एल और सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विसेज-सी डी एस एल की ओर से जारी आंकडों के अनुसार इस वर्ष अगस्त में 22 लाख से अधिक नये खाते खोले गये जिससे पहली बार डिमेट खातों की संख्या बढकर दस करोड पांच लाख से ऊपर पहुंच गई।
देश में वित्तीय जागरूकता लगातार बढ रही है। कोविड महामारी फैलने से पहले मार्च-2020 में डिमेट खातों की संख्या केवल चार करोड नौ लाख थी जो अब बढकर दस करोड से ऊपर पहुंच गई है। देश में डिमेट खाता खोलने की प्रक्रिया में सहूलिय़त, दस्तुरी शुल्क में कमी, मोबाइल और डाटा की उपलब्धता बढ़ने से यह सफलता अर्जित की गई।