प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 अक्टूबर 2023 को विजय चौक/कर्तव्य पथ पर ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के समापन कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान की अमृत कलश यात्रा के समापन का प्रतीक होगा जिसमें 766 जिलों के 7000 प्रखंडों से आने वाले अमृत कलश यात्री उपस्थित रहेंगे। यह कार्यक्रम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के दो वर्ष के लंबे अभियान के समापन का भी प्रतीक होगा, जो भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाने के लिए 12 मार्च 2021 को शुरू किया गया था। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के शुरू होने बाद से देश भर में उत्साहपूर्ण जन भागीदारी के साथ दो लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
इस कार्यक्रम में स्वायत्त निकाय मेरा युवा भारत (माई भारत) का भी शुभारंभ किया जायेगा जो युवाओं के नेतृत्व वाले विकास पर सरकार का ध्यान केन्द्रित करने और युवाओं को विकास का “सक्रिय वाहक” बनाने में मदद करेगा। इस स्वायत्त निकाय का उद्देश्य युवाओं को सामुदायिक परिवर्तन का वाहक और राष्ट्र निर्माता बनने के लिए प्रेरित करना है ताकि वे सरकार एवं नागरिकों के बीच युवा सेतु के रूप में कार्य कर सकें।
30 और 31 अक्टूबर को कर्तव्य पथ/विजय चौक पर आयोजित ‘मेरी माटी मेरा देश’ के दो-दिवसीय समापन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 36 राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों से 20 हजार से अधिक अमृत कलश यात्री विशेष रूप से समर्पित ट्रेनों, बसों और स्थानीय परिवहन जैसे परिवहन के विभिन्न साधनों के माध्यम से 29 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचेंगे। ये अमृत कलश यात्री दो शिविरों- गुड़गांव स्थित धनचिरी शिविर और दिल्ली स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास शिविर- में ठहरेंगे।
30 अक्टूबर को, सभी राज्य अपने-अपने प्रखंड और शहरी स्थानीय निकायों का प्रतिनिधित्व करते हुए तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाते हुए अपने कलश से मिट्टी को एक विशाल अमृत कलश में डालेंगे। अमृत कलश में मिट्टी डालने के समारोह के दौरान प्रत्येक राज्य के लोकप्रिय कला रूपों को प्रदर्शित किया जाएगा। यह कार्यक्रम सुबह 10:30 बजे शुरू होगा और देर शाम तक चलेगा।
31 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक जीवंत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम होगा, जो सभी के लिए खुला रहेगा। शाम 4 बजे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमृत कलश यात्रियों और राष्ट्र को संबोधित करेंगे, उन वीरों को याद करेंगे जिन्होंने भारत को स्वतंत्र कराने और समृद्ध बनाने के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।