हेलीकॉप्टर से लॉन्च की गई हेलीना मिसाइल

National News

हेलीकॉप्टर से लॉन्च की जाने वाली एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) ‘ध्रुवस्त्र हेलीना’ जल्द ही भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना को मिलने की उम्मीद है। डीआरडीओ ने सोमवार को पोखरण फायरिंग रेंज में स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर से लॉन्च करके मिसाइल का परीक्षण दोनों सेनाओं की निगरानी में किया। ‘हेलीना’ मिसाइल ने नकली टैंक लक्ष्य को सीधे निशाना बनाकर नष्ट कर दिया। यह तीसरी पीढ़ी की फायर-एंड-फॉरगेट क्लास एटीजीएम है जो स्वदेशी उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) पर लगाई जानी है। इसकी न्यूनतम सीमा 500 मीटर और अधिकतम सीमा 7 किलोमीटर है।

एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का किया परीक्षण

स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से लॉन्च की गई टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइल ‘हेलीना’ का सोमवार को उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों की टीम के साथ भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की संयुक्त टीम की निगरानी में किया गया।

यह दुनिया के सबसे उन्नत एंटी टैंक हथियारों में से एक

उड़ान परीक्षण के दौरान मिसाइल ने नकली टैंक लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। परीक्षण को सेना के वरिष्ठ कमांडरों और डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने देखा। मिसाइल को एक इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर से निर्देशित किया जाता है जो लॉन्च से पहले लॉक ऑन मोड में काम करता है। यह दुनिया के सबसे उन्नत एंटी टैंक हथियारों में से एक है।

स्वदेशी उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर पर लगाई जानी है मिसाइल

हेलीकॉप्टर से लॉन्च की जाने वाली नाग मिसाइल की रेंज बढ़ाकर इसे ‘ध्रुवस्त्र हेलीना’ का नाम दिया गया है। इसे एचएएल के रुद्र और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों पर ट्विन-ट्यूब स्टब विंग-माउंटेड लॉन्चर से लॉन्च किया जाना है। इसकी संरचना नाग मिसाइल से अलग है। मिसाइल का लॉक ऑन चेक करने के लिए 2011 में पहली बार एक लक्ष्य पर लॉक करके लॉन्च किया गया। उड़ान के दौरान हिट करने के लिए दूसरा लक्ष्य दिया गया, जिसे मिसाइल ने नष्ट कर दिया। इस तरह मिसाइल ने उड़ान में रहते हुए अचानक बदले गए लक्ष्य को मारने की क्षमता का प्रदर्शन किया। 13 जुलाई, 2015 को एचएएल ने तीन परीक्षण जैसलमेर, राजस्थान की चांधन फायरिंग रेंज में रुद्र हेलीकॉप्टर से किये। मिसाइलों ने 7 किलोमीटर की दूरी पर दो लक्ष्य मार गिराने में कामयाबी हासिल की, जबकि एक का निशाना चूक गया।

मारक क्षमता

नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) ‘हेलीना’ के सभी विकास परीक्षण पूरे होने के बाद सेना की ओर से ‘आवश्यकता की स्वीकृति’ (एओएन) जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मिसाइल का उन्नत संस्करण 15-20 किमी तक मार करने में सक्षम है। डीआरडीओ के साथ भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना उपयोगकर्ता परीक्षण कर रही है। अब यह मिसाइल सीधे और शीर्ष हमले के मोड में है, जो नई सुविधाओं के साथ उन्नत है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त रूप से पहली उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कठिन परिस्थितियों में किए गए सराहनीय कार्य के लिए टीमों को बधाई दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *