बुधवार को राजभवन में रखे गए मधुमक्खियों के बक्सों से शहद निकाला गया। इस वर्ष प्रथम चरण में 8 बक्सों से लगभग 41 किलोग्राम शहद प्राप्त हुआ। यह बॉक्स पुष्प प्रदर्शनी के दौरान राजभवन में लगाए गए थे। राजभवन में मेलीफेरा प्रजाति की मधुमक्खियां रखी गई है। उल्लेखनीय है कि राजभवन में उत्पादित शहद राज्यपाल द्वारा प्रतिवर्ष देशभर के अतिविशिष्ट महानुभावों को उत्तराखण्ड की ओर से उपहार स्वरूप भेंट किया जाता है।
राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh ने हनी बी प्रोसेसिंग(शहद निकालने की प्रक्रिया) का अवलोकन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि मौन पालन राज्य में लोगों को आर्थिक समृद्ध बनाने में सहायक होगा। आने वाले समय में उत्तराखण्ड, शहद में उत्पादित शहद विश्व भर में एक अलग पहचान बनाएगा। यहां के शहद की एक अलग ब्रांड स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से आकर्षण का केंद्र होने के साथ-साथ यहां पर मधुमक्खी पालन को भी ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि भूमि कम है तथा जोते छोटी है। यहां पर मधुमक्खी पालन का व्यवसाय लोगों के लिए बेहद लाभकारी होगा। मधुमक्खी पालन छोटे किसान तथा भूमिहीन लोग भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने औषधीय पौधों, एरोमेटिक पौधों, जैविक तथा प्राकृतिक खेती के रूप में अमूल्य उपहार दिये है। इस अवसर पर प्रथम महिला गुरमीत कौर, उद्यान अधिकारी दीपक पुरोहित, नेशनल बी बोर्ड सदस्य अजय सैनी आदि उपस्थित रहे।
