Rakshabandhan : राज्य में धूम धाम से मनाया गया रक्षाबंधन का त्यौहार , पढे विशेष रिपोर्ट ।।web nesw।।

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रक्षाबंधन पर्व की रही प्रदेश में घूम ।

राज्य में आज भाई-बहन के प्रेम का पर्व रक्षाबंधन धूम धाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। इस मौके पर सरकार द्वारा राज्य की करीब 50 हजार आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को राखी के त्यौहार पर एक-एक हजार रुपये की सम्मान निधि का तोहफा दिया गया है। रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस सम्मान निधि की घोषणा की। इससे पहले भी राज्यभर की आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक-एक हजार रुपये की सम्मान निधि दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोरोना की मुश्किल घड़ी में फ्रंट लाइन वर्कर का काम कर रही हैं। कोरोना से बचाव के लिए अपने आप को जोखिम में डालकर अपना दायित्व निभा रही हैं। रक्षाबंधन पर इस बार भी महिलाओं ने मुख्यमंत्री को अपनी राखियां भेजी हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि किशोरियों के लिए सरकार सेनेटरी नेपकिन योजना लेकर आ रही है। रक्षा बंधन पर महिलाओं को रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए। बदरीनाथ, केदारनाथ, जागेश्वर धाम, गर्जिया मंदिर, चंडी देवी मंदिर समेत कई अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में महिलाएं प्रसाद बनाकर अपनी आजीविका चला रही हैं। सरकार ने उन्हें स्थानीय उत्पाद पर आधारित प्रसाद तैयार करने का अवसर दिया। सरकार महिला समूह को पांच लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज दे रही है।

मीनाक्षी की ऐपण राखी देशभर में हुई लोकप्रिय

उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को संजोने का कार्य कर रही ऐपण गर्ल मीनाक्षी खाती के द्वारा बनाई गयी दादी, ब्रो, दाज्यू, बैणी, भुला, भूली , भैजी-बौज्यू की राखियां देहरादून, उत्तरकाशी, श्रीनगर, गढ़वाल, कुमाऊँ, लखनऊ, दिल्ली व मुंबई आदि जगह के लोगों ने पसन्द की और मीनाकृति- द ऐपण प्रोजेक्ट के माध्यम से ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे है । मीनाक्षी के पास राखियों के एक हजार से अधिक ऑर्डर आये । 

प्रकृति प्रेमी चन्दन नयाल ने रक्षाबंधन के अवसर पर पौधरोपण किया

चन्दन नयाल चाल खाल , खंतियाँ, तालाब, पौधरोपण आदि प्रकृति की सुरक्षा के लिए किये जाने वाले कार्यों के लिए जाने जाते है । रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर प्रकृति प्रेमी चन्दन नयाल ने प्रकृति के साथ रक्षाबन्धन मनाने का अनूठा प्रयोग किया । उन्होंने पौधरोपण कर लोगों से प्रकृति से जुड़ने का आवाह्न भी किया ।

केदारनाथ धाम का अन्नकूट मेला आज संपन्न हो गया।

भगवान केदारनाथ धाम में आयोजित अन्नकूट मेला आज संपन्न हो गया। ये मेला रक्षाबंधन से एक दिन पहले मध्य रात्रि में आयोजित किया जाता है। भगवान शिव के स्वयंभू लिंग की विशेष पूजा-अर्चना के बाद नए अनाज झंगोंरा, चावल, कौंणी का लेप लगाकर स्वयं भू लिंग का श्रृंगार किया गया। हालांकि प्रदेश सरकार ने यात्रियों को केदारनाथ जाने की अनुमति तो दी, लेकिन गर्भगृह में प्रवेश वर्जित है। जिससे इस बार भक्त भगवान के दर्शन नहीं कर पाए। हर साल रक्षाबंधन से एक दिन पहले केदारनाथ मंदिर में अन्नकूट मेला धूमधाम से मनाने की परम्परा चली आ रही है।

चम्पावत के विश्व प्रसिद्ध बग्वाल मेला पर दिखा कोरोना का असर

चम्पावत के मां बाराही धाम देवीधुरा में रक्षा बंधन के मौके पर होने वाला विश्व प्रसिद्ध बग्वाल मेला इस बार कोरोना महामारी की वजह से सांकेतिक रहा। कोरोना संक्रमण के चलते मेलों और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है। इसलिए जिला प्रशासन और मेला कमेटी ने इस बार मंदिर में पूजा कार्यक्रमों के अलावा अन्य कार्यक्रम सांकेतिक रूप से किये। 25-25 बग्वालों की टीम ने एक-दूसरे पर फलों-फूलों की बौछार कर बग्वाल खेला। मेला मजिस्ट्रेट रमेश चंद्र गौतम ने बताया कि सरकार की गाइड लाइन के अनुसार बग्वाल का सांकेतिक कार्यक्रम किया गया ।

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