सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिक को निकालने का अभियान और तेज कर दिया है। अगले तीन दिन में भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए 26 उड़ानें संचालित होंगी। इसी क्रम में भारतीय वायु सेना संघर्ष ग्रस्त यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा में शामिल हो गई है। बुधवार तड़के C-17 ग्लोबमास्टर ने रोमानिया के लिए उड़ान भरी। बुधवार को कुल तीन C-17 ग्लोबमास्टर भारतीयों को लाने के लिए रवाना हुई हैं।
C-17 विमान के साथ भेजी गई राहत सामग्री
भारतीय वायु सेना का C-17 परिवहन विमान यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए बुधवार को रवाना हो गए। विमान गाजियाबाद के हिंडन घरेलू एयर बेस से उड़ान भरी। विमान में खाने-पीने के सामान के साथ ही कई चिकित्सा सामग्री भी भेजी गई है।
निजी एयरलाइंस ने भी भेजे विमान
दरअसल पीएम मोदी ने वायु सेना को अपने नागरिकों को निकालने के लिए आह्वान किया था। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के बीच यूक्रेन में करीब 15 हजार से ज्यादा छात्र फंसे हुए हैं। युद्धग्रस्त यूक्रेन से अब तक 8 फ्लाइट के जरिये 1,554 भारतीयों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि पिछले 24 घंटों में अब 6 उड़ानें भारत के लिए रवाना हुई हैं। जबकि यूक्रेन से 1377 और भारतीय नागरिकों को वापस लाया। एयर इंडिया के साथ ही भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए अब स्पाइसजेट, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी अन्य निजी एयरलाइंस ने भी अपने विमान भेजे हैं।
12 हजार भारतीय छोड़ चुके हैं यूक्रेन
इस बीच विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा है कि अब तक 12 हजार भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ चुके हैं। शेष बचे 8 हजार भारतीय नागरिकों में से 4 हजार संघर्ष क्षेत्र में हैं और अन्य या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं पर पहुंच चुके हैं या पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहला परामर्श जारी होने के समय यूक्रेन में लगभग 20 हजार भारतीय नागरिक थे।
पोलैंड से यूक्रेन पहुंचाई गई राहत सहायता
विदेश सचिव ने कहा है कि कीव छोड़ने का परामर्श जारी होने के बाद से अब तक सभी भारतीय नागरिक शहर छोड़ चुके हैं। विदेश सचिव ने यह भी बताया कि पोलैंड से यूक्रेन के लिए दवाओं और चिकित्सा सहित मानवीय सहायता की पहली खेप लेकर एक उड़ान कल सुबह रवाना हुई। आज पोलैंड से यूक्रेन के लिए एक और उड़ान दूसरी खेप ले जाएगी।
रूस-यूक्रेन सीमा क्षेत्र में भी पहुंचा भारतीय दल
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने मॉस्को में भारतीय मिशन के अधिकारियों का एक दल यूक्रेन से लगे रूस के सीमा क्षेत्र में भेजा था। यह दल रूस के बेलगर्द में है। यह दल भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए मार्ग का निर्धारण, आवास और परिवहन व्यवस्था देख रहा है।
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को एक और एडवाइजरी
वहीं पोलैंड के वॉरसॉ में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों से शेहयनी-मेदयेका (Shehyni-Medyka) सीमा चौकी को पार करने से बचने को कहा है। दूतावास ने कहा है कि इस क्षेत्र में पहले से ही भीड़ मौजूद है। यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को अनिवार्य परामर्श में दूतावास ने कहा कि पश्चिमी यूक्रेन में ल्वीव और तेरनोपिल तथा अन्य स्थानों में मौजूद भारतीय, पोलैंड में जल्दी प्रवेश के लिए बुडोमिर्ज़ सीमा चौकी तक यात्रा कर सकते हैं। इसके अलावा विकल्प के रूप में भारतीयों को दक्षिण की ओर यात्रा का परामर्श दिया गया है, ताकि वे हंगरी या रोमानिया के रास्ते यूक्रेन से बाहर निकल सकें।
C-17 कई ऑपरेशन का रह चुका है हिस्सा
बता दें कि वायु सेना का C-17 ग्लोबमास्टर पहले भी कई ऑपरेशन का हिस्सा रह चुका है। अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद भी भारतीय वायुसेना ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ शुरू किया था। दोहा, ताजिकिस्तान और काबुल के रास्ते अलग-अलग उड़ानों में 650 से अधिक नागरिकों को भारत लाया गया था। इसके अलावा कोरोना की दूसरी लहर के दौरान C-17 ग्लोबमास्टर विमानों से ही ऑक्सीजन टैंकरों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया गया था।