133वें राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस पर CGLA और उत्तरांचल यूनिवर्सिटी का भव्य आयोजन

UTTARAKHAND NEWS

देहरादून। उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के सेंट्रल लाइब्रेरी एवं सेंट्रल गवर्नमेंट लाइब्रेरी एसोसिएशन (CGLA) के संयुक्त तत्वावधान में 12 अगस्त 2025 को 133वां राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। यह दिवस भारत में पुस्तकालय विज्ञान के जनक, पद्मश्री डॉ. एस. आर. रंगनाथन की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाता है।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि के साथ हुई, जिसके बाद विश्वविद्यालय कुलगीत प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि, संसाधन व्यक्तियों और गणमान्य अतिथियों का स्वागत स्मृति-चिह्न, पौधारोपण एवं उपहार देकर किया गया।

विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. रामवीर तंवर ने स्वागत संबोधन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षण पद्धतियों में पुस्तकालयों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। इस दौरान ‘बिब्लियोथेका बुलेटिन’ (वॉल्यूम 4, अंक 1) का लोकार्पण भी हुआ।

प्रो-वीसी प्रो. (डॉ.) राजेश बहुगुणा ने पुस्तकालय को उपयोगकर्ताओं के सर्वांगीण विकास का केंद्र बताया, वहीं कुलपति प्रो. (डॉ.) धरम बुद्धि ने तकनीक व नवाचार के माध्यम से लाइब्रेरी सेवाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

CGLA अध्यक्ष डॉ. ए. के. सुमन ने “Changing Role of Libraries and Librarians” विषय पर मुख्य व्याख्यान देते हुए पारंपरिक पुस्तकालय से वर्चुअल लाइब्रेरी तक के बदलाव, आईटी व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग और पुस्तकालयाध्यक्ष की बदलती भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि तकनीक से लाइब्रेरी सेवाएं अधिक प्रभावी और उपयोगकर्ता-मैत्री बन रही हैं।

इस अवसर पर “बेस्ट लाइब्रेरी यूज़र अवॉर्ड” सत्र 2025-26 के लिए संकाय सदस्यों और छात्रों को प्रदान किया गया। चयन के मापदंडों में लाइब्रेरी विज़िट, पुस्तक निर्गम, ऑनलाइन लॉगिन, समय पर वापसी और अनुशासन शामिल थे। साथ ही “लाइफटाइम आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवॉर्ड” से वरिष्ठ सेवानिवृत्त पुस्तकालय पेशेवर श्री रमेश गोयल (पूर्व अध्यक्ष, CGLA) को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में CGLA महासचिव श्री मनीष शर्मा द्वारा डॉ. रंगनाथन के जीवन पर आधारित एक लघु डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई। संचालन सुश्री निधि शर्मा ने किया।

देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश, हल्द्वानी और हरिद्वार से लगभग 100 पुस्तकालय पेशेवरों की उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। अंत में श्री मनीष शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ। हाई-टी के दौरान प्रतिभागियों ने आपसी संवाद और नेटवर्किंग का आनंद लिया।

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