22 जापानी पर्यटकों का समूह बद्रीनाथ घूमने आए थे जो बद्रीनाथ में निवासरत अपने होटल से पैदल घूमने के लिए नीलकंठ की ओर चले गए। वापसी के दौरान सभी पर्यटक अपने निवास स्थान पर पहुँच गए लेकिन उनकी एक साथ जिसका नाम मिचिको इनॉए उम्र 66 वर्ष निवासी जापान अपने साथियों से बिछड़ गयी व रास्ता भटक गयी। जो भटकते हुए रात्रि में मौनी बाबा के आश्रम में जा पहुँची जहां उन्होने बाबा को अपनी व्यथा सुनायी। मातृ सदन के आत्मबोधानन्द जी महाराज ने तत्काल इसकी जानकारी कां0 चन्दन नागरकोटी को दी। कां0 चन्दन नागरकोटी द्वारा उक्त पर्यटक के पासपोर्ट को होटल एशोसियशन के ग्रुप में भेजा गया लेकिन वहां से भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो पायी। तदोपरांत महिला से होटल के लैंडमार्क के बारे में पूछा गया तो महिला द्वारा बताया कि होटल में नारंगी रंग को पेंट है। जिसके बाद कां0 चंदन द्वारा बद्रीनाथ धाम के सभी नारंगी रंग के होटलों में पूछताछ की गयी तो होटल रघुनाथ द्वारा बताया गया कि जापानी पर्यटक हमारे होटल में रुके हैं व उनमें एक पर्यटक कम है। जिसके बाद मौनी बाबा व आत्मबोधानन्द महाराज द्वारा तत्काल महिला को रघुनाथ होटल ले जाकर उनके साथियों के सुपुर्द किया गया।
उक्त महिला द्वारा अपने साथियों से वापस मिलने के बाद कां0 चन्दन,मौनी बाबा व आत्मबोधानन्द महाराज का सह्रदय धन्यवाद किया।