विशेष : सरकार ने दिए संकेत हो सकता है सभ्यी धाणी गैरसेंण, पढे पूरी रिपोर्ट ।। web news।।

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उत्तराखंड की समर कैपिटल गैरसेंण पर विशेष रिपोर्ट 

भराड़ीसैंण (गैरसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। त्रिवेंद्र सरकार भराड़ीसैंण (गैरसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए 4 मार्च 2020 को घोषणा की थी। भाजपा ने 2017 में अपने विजन डाक्यूमेंट में भराड़ीसैंण (गैरसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना शामिल किया था । क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें प्लानर और विशेषज्ञों की राय भी ली जा रही है। भराड़ीसैण (गैरसैंण) में राजधानी के अनुरूप वहां आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है। बड़े स्तर पर फाइलें न ले जानी पड़ी, इसके लिए ई-विधानसभा पर सरकार द्वारा पहले से ही कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री और विधान सभा अध्यक्ष ने खुशी जाहिर की 

सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है कि आज राज्य आंदिलनकारियों, मातृशक्ति व शहीदों के सपनों को साकार करने की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा – त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री , उत्तराखण्ड

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के लिए राज्यपाल महोदय की स्वीकृति के बाद शासन द्वारा आज अधिसूचना जारी की गई है। इसके लिए सरकार को भी बधाई देते हुए कहा है कि आज सभी राज्य आंदोलनकारियों एवं प्रदेशवासियों के सपनो को साकार करने का काम मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा किया गया है। यह राज्य के शहीद आंदोलनकारियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है – प्रेमचंद अग्रवाल , विधान सभा अध्यक्ष , उत्तराखण्ड

कांग्रेस ने किया तीखा हमला

यह फैसला गैरसैंण राज्य आंदोलन की हत्या करने वाला फैसला है। उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में दो-दो राजधानियां इस राज्य की जनता का उपवास है। विधानसभा का सत्र जब कांग्रेस सरकार ने भराड़ीसैण में आयोजित किया था तो उस समय तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने उस समय स्थायी राजधानी गैरसैंण में बनाने की बात की थी और अब भाजपा अपने वायदे से मुकर गयी है। सरकार इस फैसले का वापस ले-किशोर उपाध्याय, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की अधिसूचना कोरोना पर सरकार की नाकामी से ध्यान हटाने का शिगूफा है। सरकार यह बताइए कि राज्य की स्थायी राजधानी कौन सी है और फिर यह स्पष्ट कर कि क्या एक राज्य में दो अस्थायी राजधानियां कहां तक ठीक ? कांग्रेस ने ही गैरसैंण विकास का सिलसिला शुरू किया था और अब स्थायी राजधानी के मुकाम तक भी कांग्रेस ही ले जाएगी-सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश उपाध्यक्ष-कांग्रेस

गैरसैण की टाइमलाइन

◆2012 में गैरसैंण ब्लाक सभागार में केबिनेट का आयोजन
◆2013 में विधानसभा भवन का शिलान्यास
◆2014 में गैरसैंण में तंबू में विधानसभा सत्र
◆2015 में पॉलिटेक्निक में विधानसभा सत्र
◆20162017 और 2018 में भराडीसैंण में सत्र
◆ 2020 में भराडीसैंण के विधानसभा में आयोजित बजट सत्र में ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा

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बर्फ की श्वेत चादर ओढ़े गैरसेंण का विधान सभा भवन

ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में विकास कार्यो में तेजी की संभावना

पेयजल की सुचारु आपूर्ति के लिए रामगंगा पर चैरड़ा झील का निर्माण किया जा रहा है। झील बनने के बाद भराड़ीसैंण, गैरसैंण और आसपास के क्षेत्र में ग्रेविटी पर जल उपलब्ध हो सकेगा। गैरसैंण की कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है , भराड़ीसैंण, गैरसैंण को जोड़ने वाली सड़कों को आवश्यकतानुसार चौड़ा किया जाएगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर पहले से ही तेजी से काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर रेल गैरसैंण के काफी निकट तक पहुंच जाएगी। जिससे राजधानी क्षेत्र में जाना काफी सुविधजन हो जाएगा ।

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