उच्चाधिकारियों द्वारा जनपदों में जाकर ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है

UTTARAKHAND NEWS

पचंपावत / ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों की आर्थिकी को मजबूत करने व गांव में मूल भूत सुविधाएं मुहैया कराए जाने के अतिरिक्त किसानों की आय दोगुना करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार शासन के उच्चाधिकारियों द्वारा जनपदों में जाकर ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है।
इसी अंतर्गत उत्तराखंडशासन में सचिव ग्राम्य विकास कृषक विकास सहकारिता पशुपालन मत्स्य दुग्ध डा बीबीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा चम्पावत जिले में विगत चार दिनों में जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर धरातल पर हो रहे विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण के अतिरिक्त सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण किसानों,महिला स्वयं सहायता समूहों से ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों ग्रामीण उत्पादों आदि के बारे में जानकारी ली।
लगातार जिले के विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण के उपरांत गुरुवार को सचिव डॉ पुरूषोत्तम द्वारा विकास खण्ड सभागार लोहाघाट में  चरणबद्ध रूप से पशुपालन दुग्ध कृषि सहकारिता ग्राम्य विकास मत्स्य जड़ी बूटी विभाग के अधिकारियों,फील्ड कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों विशेषज्ञों के साथ बैठक कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाए जाने व विभागीय योजनाओं में किस प्रकार से बदलाव कर अधिक से अधिक लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ पंहुचाया जा सके जिससे कि किसानों की आय दोगुना हो सके,इस सम्बंध में चर्चा करते हुए सुझाव लिए गए।
बैठक में विभिन्न विभागों से आए अधिकारियों कर्मचारियों जनप्रतिनिधियों व विशेषज्ञों द्वारा अपने अपने विभागीय स्तर पर किए जा रहे विभिन्न कार्यों व उनमें किस प्रकार से बदलाव कर और अधिक लाभकारी बनाए जाने हेतु अपने अनुभवों को साझा करते हुए बेहतर सुधार हेतु अनेक सुझाव दिए।
सचिव डॉ पुरुषोत्तम ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री की स्पष्ट मंशा एवं निर्देश हैं कि किसानों की आय को दोगुना किया जाना है इस उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के बीच जाकर उनसे सीधा संवाद कर उनकी आवश्यकताओं समस्याओं को सुना जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन चार दिनों में किए गए भ्रमण के दौरान लिए गए अनुभव एवं इस आयोजित बैठक में जो भी बेहतर सुझाव प्राप्त हुए हैं उन्हें शासन स्तर पर संबंधित विभाग को अवगत कराने के साथ ही ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ाए जाने किसानों की आय को दोगुना किए जाने हेतु कार्यवाही के साथ ही बजट का प्राविधान शासनादेशों में परिवर्तन जैसे कदम उठाए जाएंगे। ताकि ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ाया जा सके।
बैठक में जिले में पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ाए जाने के संबंध में चर्चा के दौरान इस संबंध में दुग्ध समिति से आए फील्ड कर्मियों, सचिव,सुपर वाइजर,पशु चिकित्सकों से जानकारी लेते हुए सुझाव लिए गए। इस दौरान जिले में पशु मित्रों की तैनाती व उन्हें प्रशिक्षण दिलाने, दुग्ध प्रोत्साहन राशि बढ़ाए जाने,पशुओं हेतु चारा घास उपलब्ध कराए जाने अधिक से अधिक गोशालाओं का निर्माण किए जाने प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर पशुओं के उपचार हेतु अल्ट्रासाउंड,एक्सरे,सोनोग्राफी आदि की व्यवस्था रखी जाने के साथ ही अनेक सुझाव सचिव के सम्मुख रखे गए*। विभागीय सचिव ने कहा कि जिले में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाए जाने हेतु जो दुग्ध समिति वर्तमान में सक्रिय नहीं हैं उन्हें सक्रिय किया जाय तथा नए मिल्क रुट बनाए जाय, इसके अतिरिक्त शासन स्तर से भी इसमें सुधार हेतु कार्यवाही की जाएगी। इस दौरान उपस्थित विभिन्न पशुपालकों ने कहा कि पशुपालन एवं दुग्ध विभाग द्वारा योजनाओं के अंतर्गत पशुपालकों को मैदानी क्षेत्र की गायों को उपलब्ध कराया जा रहा है जो यहां सफल नहीं हो पा रही हैं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अच्छी नश्ल की गायों को ही उपलब्ध कराया जाय जिससे की वह सफल हों तथा पशुपालकों को अधिक लाभ भी मिलेगा।
कृषि उद्यान मत्स्य सहकारिता ग्राम्य विकास विभाग के कार्यों के संबंध में चर्चा करते हुए सचिव डॉ पुरुषोत्तम ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने हेतु प्रत्येक किसान तक सरकार की योजनाओं का लाभ मिले इस हेतु जिला मुख्यालय से लेकर गांव स्तर पर तैनात कार्मिक की पूर्ण जिम्मेदारी है,वह किसान को हर वह सुविधा मुहैया कराएं जो उसे सरकार की ओर से अनुमन्य है। किसानों के उत्पाद बाजार तक आसानी से पंहुचे उनके अच्छे दाम प्राप्त हों उनकी अच्छी पैकेजिंग हो इस क्षेत्र में भी मिलकर कार्य किया जाय।
इस दौरान किसानों द्वारा जंगली जानवरों से खेती को हो रहे नुकशान की समस्या के स्थायी समाधान का मामला रखा,इस संबंध में कहा कि सरकारी विभागों की ओर से तारबाड़ की जो व्यक्तिगत लाभार्थी योजना है उसे सामुहिक करते हुए सम्पूर्ण फसल उत्पादन वाले क्षेत्र की तारबाड़ से घेराबंदी की जाय। इस दौरान किसानों हेतु जिले के विभिन्न क्षेत्रों में छोटे छोटे सिडकुल बनाए जाने,तेजपाल दालचीनी जैसी जड़ी बूटियों के विपणन की व्यवस्था को आसान किए जाए,कृषि उपकरण व बीज समय पर उपलब्ध कराए जाने उन्नत किश्म के फल पौध वितरित किए जाने सेव व कीवी की अधिक से अधिक नरशरी स्थापित किए जाने, जिले में अधिक से अधिक किसानों को पॉलीहाउस व मत्स्य तालाब उपलब्ध कराए जाने हेतु बजट बढ़ाए जाने,महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कृषि व ओद्यनिक बीज वितरित किए जाने जिले में शहद के उत्पादन को बढ़ाए जाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने सहकारिता समितियों को संग्रहण केन्द्र के रूप में विकसित किए जाने समेत ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ाए जाने हेतु अनेक सुझाव प्राप्त हुए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आर एस रावत द्वारा जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा,एनआरएलएम आदि योजनाओं के अंतर्गत संचालित विकास कार्यों,प्रस्तावित योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।   
बैठक में निदेशक दुग्ध संजय खेतवाल,संयुक्त निदेशक उद्यान डॉ बृजेश गुप्ता,संयुक्त निदेशक कृषि पी के सिंह,अपर परियोजना निदेशक विमी जोशी, जिला विकास अधिकारी संतोष कुमार पंत, मुख्य कृषि अधिकारी जीएस भंडारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पीएस भंडारी,जिला उद्यान अधिकारी टी एन पांडेय सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी फील्ड कर्मचारी, विभिन्न समितियों से आए सदस्य जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *