राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh ने जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के गाँधी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि मैने महसूस किया है कि यहाँ कि हवा, सोच, तकनीकि आदि कई चीजों में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि हम सबको अपने कार्यों के प्रति निष्ठा रखना चाहिए क्योकि हम अपने कार्यों से ही एक बदलाव ला सकते हैं। उन्होने कहा कि यह विश्वविद्यालय साधारण विश्वविद्यालय नही है। यह विश्वविद्यालय अपने आप में एक विशेष स्थान रखता है। उन्होने कहा कि यहां के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के द्वारा आने वालेे समय में कृषि के क्षेत्र में एक नई क्रान्ति आयेगी। यह संस्थान सिर्फ पढ़ाई करने का नही बल्कि इस संस्थान के माध्यम से शोध कर समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होने कहा कि बेटियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होने कहा कि मैने उत्तराखण्ड राज्य के सभी जनपदों में भ्रमण किया है, और यह महसूस किया है कि उत्तराखण्ड में महिला प्रत्येक परिवार की सबसे मजबूत सदस्य है। आज हर क्षेत्र में गोल्ड मैडल हमारी बेटियां ही जीत रही है। और जब बेटियां मंच पर आती है तो उनका आत्मविश्वास देखने लायक होता है। उन्होने कहा कि मैने देखा है कि यहां कुलपति, डीन, निदेशक एवं विद्यार्थियों में सकारात्मक परिवर्तन लाने का आत्मविश्वास है। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय में बजट, विद्यार्थियों के सुनहरे भविष्य, रिक्त पदों को भरने आदि कई समस्या है जिसका निस्तारण अतिशीघ्र किया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि ऐसी कोइ समस्या नही जिसका समाधान न हो सके। उन्होने कहा कि हमे विश्वविद्यालय के प्रत्येक कॉलेज में उसके उत्पाद एवं उसकी लाभ के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता हैं। उन्होने बताया कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि कुलपति का चयन कैमरे के सामने हुआ है। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय में यदि किसी को किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो सर्वप्रथम अपने उच्च अधिकारियों को अवगत करायें। उन्होने विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में एक नई क्रान्ति लेकर आये जिस पर पूरी विश्व को हम पर गर्व हो। उन्होने कहा कि ऐसी कोई तकनीक की खोज करें जिससे कि हमारी स्वंय सहायता समूह की महिलाओं की आये को बढ़ाया जा सके। उन्होने विद्यार्थियों से कहा कि समय का सदोपयोग करें यह बहुत कीमती है। उन्होने कहा कि विद्यार्थियों को अपने गुरूजनों का सदैव सम्मान करना चाहिए।