यूसर्क द्वारा आज से तीन दिवसीय “वाटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी” विषय पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग यूसर्क सभागार में प्रारंभ हुई।
यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने संबोधन में बताया कि यूसर्क द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों को पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। जल के महत्व को देखते हुए तीन दिवसीय “वाटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी” विषय पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही है जिसमें वर्षा जल के द्वारा भूजल रिचार्ज, जल गुणवत्ता एवं वॉटर ट्रीटमेंट विषयों को मुख्य रूप से फोकस किया गया है। वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने यूसर्क की सभी वैज्ञानिक गतिविधियों कर विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ भवतोश शर्मा ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों एवं विशेषज्ञों का परिचय कराया ।
कार्यक्रम का पहला तकनीकी व्याख्यान सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड, उत्तरांचल रीजन के निदेशक डॉ प्रशांत राय ने “वाटर कंजर्वेशन, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग एंड ग्राउंड वाटर रिचार्ज विद स्पेशल रेफरेंस टू उत्तराखंड” विषय पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने अपने व्याख्यान में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, भूजल रिचार्ज की विभिन्न विधियों रिचार्ज पिट, रिचार्ज साफ्ट, रिचार्ज ट्रेंच, बुश चेक डैम, पर्कोलेशन टैंक आदि विधियों द्वारा भूजल रिचार्ज को समझाया। उन्होंने बताया कि किसी भी क्षेत्र के भूविज्ञान का ज्ञान भूजल रिचार्ज में बहुत महत्वपूर्ण होता है। मैदानी एवं पहाड़ी भूभाग में अलग अलग विधियों को प्रयोग में लाया जाता है। उन्होंने उत्तराखंड के तराई भूभाग में भूजल के वैज्ञानिक अध्ययन को प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का दूसरा तकनीकी व्याख्यान डॉल्फिन संस्थान देहरादून की प्राचार्या डॉ शैलजा पंत ने “माइक्रोबायोलॉजिकल एनालिसिस ऑफ ड्रिंकिंग वाटर एंड वेस्ट वाटर सैंपल” विषय पर दिया। उन्होंने जल में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति, प्रयोगशाला में उनके विश्लेषण, मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर बोलते हुए नई तकनीकियों को समझाया। उन्होंने जल में उपस्थित ई कोलाई बैक्टीरिया को प्रयोगशाला में मेंब्रेन फिल्टर विधि, एम पी एन विधियों को विस्तार से बताया।
कार्यक्रम का तीसरा व्याख्यान यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने “वॉटर साइंस एंड इट्स क्वालिटी पैरामीटर्स” विषय पर अपना व्याख्यान दिया तथा जल के विज्ञान को उपस्थित प्रतिभागियों को समझाया। उन्होंने जल की गुणवत्ता को निर्धारित करने वाले भौतिक, रासायनिक एवं बायोलॉजिकल पैरामीटर्स पर विस्तार से वैज्ञानिक एवं तकनीकी जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक डॉ मंजू सुंदरियाल ने किया। तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण कार्यक्रम में पांच संस्थानों देवसंस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार, एमआईटी ऋषिकेश, एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून, एसजीआरआर विश्वविद्यालय देहरादून एवं राजकीय महाविद्यालय मालदेवता, रायपुर के 25 विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। कार्यक्रम में डॉ राजेंद्र सिंह राणा, डॉ ज्ञानेंद्र अवस्थी, उमेश जोशी, ओम जोशी, राजदीप, शिवानी पोखरियाल, हरीश ममगाई, राजीव बहुगुणा सहित कुल 40 लोग उपस्थित थे।