देश में शिक्षा की गुणवता में सुधार करने को लेकर केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। बीते आठ साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति से लेकर शिक्षा में सुधार के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने और मौजूदा स्कूलों को मजबूत करके उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक नई केंद्र प्रायोजित योजना- पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) को मंजूरी दी। इस योजना के अंतर्गत देशभर से चयनित 14,500 से अधिक मौजूदा स्कूलों को मजबूत करके पीएम श्री स्कूलों के रूप में विकसित किया जाएगा।
क्या है पीएम श्री स्कूल ?
पीएम श्री स्कूल देशभर के मौजूदा स्कूलों में से चयनित स्कूल होंगे जिन्हे आधुनिक तरीकों से पुनः विकसित किया जाएगा। पीएम श्री स्कूल अपने आसपास के अन्य स्कूलों को सहायता, मार्गदर्शन और नेतृत्व प्रदान करेंगे। इसके लिए उन्हें उन्नत इंफ्रास्ट्रक्चर, इनोवेटिव शिक्षा पद्धति और प्रौद्योगिकी के साथ तैयार किया जाएगा। पीएम श्री स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करेंगे और समय के साथ अनुकरणीय स्कूलों के रूप में उभरेंगे। इन स्कूलों के माध्यम से बच्चों की विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए एक समान, समावेशी और आनंदमय स्कूल वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करने का प्रयास किया जा रहा है। पीएम श्री स्कूल 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप कौशल युक्त व्यक्तियों के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे।
27,360 करोड़ रुपए की परियोजना लागत
केंद्र सरकार बड़े स्तर पर शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की तैयारी कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से इन बदलावों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। पीएम श्री स्कूल इन्हीं बदलावों की एक कड़ी है जिसकी कुल परियोजना लागत 27,360 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। कुल परियोजना लागत में वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 18,128 करोड़ रुपए का केंद्रीय हिस्सा शामिल है। पीएम श्री स्कूलों की योजना उभरते भारत के लिए पीएम स्कूल को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा।
एक ब्लॉक में अधिकतम दो स्कूल
पूरे भारत में कुल स्कूलों की संख्या को देखते हुए प्रति ब्लॉक/यूएलबी अधिकतम दो स्कूलों का चयन किया जाएगा। पीएम श्री स्कूलों के चयन और निगरानी के लिए स्कूलों की जियो-टैगिंग की जाएगी। जियो-टैगिंग और अन्य संबंधित कार्यों के लिए भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान की मदद ली जाएंगी।
पीएम श्री स्कूलों का चयन चैलेंज मोड के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना के पहले दो वर्षों के दौरान, इस पोर्टल को वर्ष में चार बार, यानी प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाएगा। योजना में शामिल होने के लिए स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा। स्कूलों के अंतिम चयन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा।
आधुनिक सुविधाओं से होंगे लैस
पीएम श्री स्कूलों को नई तकनीकों के समावेश के साथ आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण रखा जाएगा। डिजिटल शिक्षा का उपयोग करने के लिए आईसीटी, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लाइब्रेरी की भी स्थापना की जाएगी, जिससे विद्यार्थियों को 21वीं सदी की तकनीक से रूबरू कराया जा सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षकों और छात्रों के बीच भाषा की बाधाओं को खत्म करने के लिए तकनीकी उपायों का उपयोग करते हुए मातृभाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा। इन विद्यालयों को सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित करने के लिए स्कूलों को विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय और वोकेशनल लैब आदि उपलब्ध कराए जाएंगे।
ग्रीन स्कूलों के रूप में होंगे विकसित
दरअसल, इन स्कूलों का विकास पर्यावरण के अनुरूप किया जाएगा जिसमें सौर पैनल और एलईडी लाइट के साथ-साथ अपशिष्ट प्रबंधन का भी खास ध्यान रखा जाएगा। प्लास्टिक मुक्त परिवेश में जल संचयन, पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित परंपराओं का अध्ययन और जैविक जीवन शैली को अपनाने के लिए बच्चों को जागरूक किया जाएगा। पर्यावरण-अनुकूल पहलुओं को शामिल करने वाले ग्रीन स्कूलों के रूप में पीएम श्री स्कूलों को विकसित किया जाएगा। इस योजना में स्कूल की ग्रीन अवसंरचना के निर्माण के लिए मौजूदा योजनाओं/पंचायती राज संस्थाओं/शहरी स्थानीय निकायों और सामुदायिक भागीदारी के साथ समन्वय की परिकल्पना की गई है।
अगले 25 साल में भारत बनेगा ज्ञान अर्थव्यवस्था
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएम श्री स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की प्रयोगशाला होंगे। हम अमृत काल के युग में हैं। यह अगले 25 साल भारत को एक ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम 21वीं सदी के अवसरों और चुनौतियों के लिए तैयारी करते हैं, तो हमें अपनी शिक्षा और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कल विभिन्न शिक्षा और कौशल संस्थानों के दौरे के दौरान हम सभी को 21वीं सदी की भविष्य की शिक्षा प्रणाली के विभिन्न आयामों की झलक मिली।
18 लाख से अधिक छात्र होंगे लाभान्वित
पीएम श्री स्कूल 21वीं सदी के वैश्विक नागरिकों को तैयार करने के लिए कदम हैं। इस योजना से 18 लाख से अधिक छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है। इसके अलावा पीएम श्री स्कूलों के आसपास के स्कूलों पर भी मार्गदर्शन और सहयोग के माध्यम से प्रभाव पड़ेगा। इन स्कूलों को बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए जीवंत स्कूलों के रूप में विकसित किया जाएगा।