उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा आज स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों के लिये यूसर्क सभागार में तीन दिवसीय “जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलन कर आयोजन प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये यूसर्क की निदेशक प्रो० (डा०) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को जल के विभिन्न आयामों जैसे जल की गुणवत्ता का अध्ययन, जल संरक्षण, जलस्रोतों का संवर्धन आदि को विभिन्न व्याख्यानों, हैण्डस ऑन ट्रेनिंग, फील्ड विजिट आदि के माध्यम से विद्यार्थियों में जल चेतना को जागृत करने का कार्य किया गया है तथा सम्बन्धित विषय पर ज्ञानवर्धन हेतु एक प्लेटफार्म प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि यूसर्क द्वारा विगत पांच जून को आयोजित पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह निर्णय लिया गया कि राज्य के जल स्रोतों के महत्व को देखते हुये यूसर्क जलशाला के माध्यम से मासिक आधार पर जल शिक्षा कार्यक्रम एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये। इसी के अन्तर्गत प्रत्येक माह जल शिक्षा कार्यक्रम एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन प्रारंभ किया गया है। इस तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम में देहरादून जनपद के पांच उच्च शिक्षण संस्थानों एस. जी. आर. आर. विश्वविद्यालय ग्राफिक ऐरा (हिल) विश्वविद्यालय, डॉल्फिन पी. जी. इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एण्ड नेचुरल साइंसेज शहीद दुर्गामल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डोईवाला दून पी.जी. कॉलेज ऑफ एग्रीक्लचर सांइस एण्ड टेक्नोलॉजी के बी०एस०सी० एवं एम०एस०सी० कक्षाओं के 25 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुये प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक व यूसर्क के वैज्ञानिक डा० भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों एवं विषय विशेषज्ञों का स्वागत करते हुये इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का महत्व बताया। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले और तीसरे दिन विशेषज्ञ व्याख्यान तथा हैण्डस ऑन ट्रेनिंग प्रदान की जायेगी तथा दूसरे दिन भारत सरकार के अन्तर्गत कार्यरत संस्था इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉयल एण्ड वाटर कंजर्वेशन (आई०सी०ए०आर०) देहरादून का वैज्ञानिक भ्रमण कराया जायेगा।
प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र का प्रथम विशेषज्ञ व्याख्यान राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की के वाटर रिसोर्स सिस्टम डिवीजन के विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० संजय जैन ने रिमोट सेंसिंग एण्ड जी०आई०एस० एप्लीकेशन्स इन वाटर रिसोर्सेज विषय पर देते हुए बताया कि रिमोट सेन्सिंग एवं जी.आई.एस. तकनीकी द्वारा जल संसाधनों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सेटेलाइट में हाई रिसोल्यूशन कैमरे व सेन्सरों का प्रयोग करके पृथ्वी की सतह पर उपलब्ध सतही जल, भूजल, जल की गुणवत्ता, भूजल रिचार्ज बर्फवारी आदि का अध्ययन किया जाता है तथा प्राप्त डाटा को विश्लेषित कर सटीक परिणाम प्राप्त किये जा सकते है। प्राप्त परिणामों का वैज्ञानिक अध्ययन करके जल संसाधनों के प्रबन्धन हेतु कार्य योजना तैयार की जा सकती है।
प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र का द्वितीय विशेषज्ञ व्याख्यान यूनीवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एवं एनर्जी स्टडीज, देहरादून के प्रोफेसर (डा०) एन० ए० सिद्दीकी ने अपशिष्ट जल प्रबंधन विषय पर अपना व्याख्यान दिया। अपने संबोधन में उन्होंने वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट की विभिन्न विधियों को वैज्ञानिक रूप से समझाया। उन्होंने बताया कि उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट जल को किन-किन विधियों द्वारा उपचारित करके प्रयोग में लाया जा सकता है। अपशिष्ट जल के रंग, गंध, रासायनिक प्रदूषकों को भौतिक एवं आधुनिक विधियों, एक्टीवेटेड एडसोर्वेन्ट मैटिरियल आदि का प्रयोग करके, बी०ओ०डी० और सी०ओ०डी० का स्तर सुधार कर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है।
कार्यक्रम के दूसरे तकनीकी सत्र में यूसर्क के वैज्ञानिक डा० भवतोष शर्मा ने जल संरक्षण तथा जल गुणवत्ता अध्ययन विषय पर अपना व्याख्यान दिया तथा उपस्थित प्रतिभागियों को हैण्डस ऑन ट्रेनिंग प्रदान की। उन्होंने अपने व्याख्यान में जल संरक्षण की विभिन्न वैज्ञानिक विधियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुये जल संरक्षण करने का आहवान किया। डा० शर्मा ने जल गुणवत्ता अध्ययन हेतु टी०डी०एस०, टर्विडिटी डिसोल्वड ऑक्सीजन पी०एच०, कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया, हार्डनैस आदि पैरामीटर्स पर उपस्थित पांच उच्च शिक्षण संस्थानों के 25 प्रतिभागियों को हैण्डस ऑन ट्रेनिंग प्रदान की।
कार्यक्रम के अन्त में डा० मन्जू सुन्दरियाल, वैज्ञानिक यूसर्क द्वारा समस्त विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया गया। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक डा० भवतोष शर्मा, डा० मन्जू सुन्दरियाल, डा० राजेन्द्र सिंह राणा, आई०सी०टी० टीम के ई० उमेश चन्द्र, ओम जोशी, शिवानी पोखरियाल, हरीश प्रसाद ममगाई, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत सहित 40 लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया।