राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गर्व से भरे एक महत्वपूर्ण अवसर पर, आज कौशल भवन का उद्घाटन किया – यह कौशल के माध्यम से देश के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए भारत के अटूट समर्पण का प्रतीक है। कौशल भवन कौशल भारत मिशन के अंतर्गत युवाओं को सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है, जो क्षमता निर्माण और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने में कौशल की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराता है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा कौशल भवन में परिकल्पित कार्यक्रम और पहल भारत की युवा प्रतिभा की आकांक्षाओं को पूरा करने और उसका पोषण करने, देश को एक उज्ज्वल और अधिक कुशल भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए उत्प्रेरक बनने के लिए तैयार हैं।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान; राज्य मंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी और जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।
कौशल भवन भारत के युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उपकरणों और अवसरों के साथ सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है। यह अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित है, जो अग्रणी कौशल विकास पहलों पर विचार, सहयोग और कार्यान्वयन के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। सोच-समझकर डिज़ाइन किया गया कार्यक्षेत्र रचनात्मकता, उत्पादकता को बढ़ावा देने और जीवन शक्ति की एक नई छवि का विस्तार करने के प्रति समर्पण को दर्शाता है। भवन के डिज़ाइन में पर्यावरणीय दायित्व के लिए निर्देशित एक राजसी बरगद के पेड़ सहित दो विशाल पेड़ों का संरक्षण शामिल है। यह वास्तुशिल्प चमत्कार प्रकृति के संरक्षण के साथ प्रगति का मिश्रण करते हुए सतत विकास के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।