दून विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में सोमवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. सिवन उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के 34 मेधावी छात्र-छात्राओं को उपाधि एवं मेडल देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के भूतपूर्व छात्र राहुल कोटियाल को पत्रकारिता, राहुल त्यागी को लोक प्रशासन, दयाकृष्ण पुरोहित को भौतिक विज्ञान तथा दिव्यांशा राणा को कंटेंट एनालिसिस के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु ‘‘डिस्टिंगविश्ड एलुमनाई ऑफ द युनिवर्सिटी’’ के तौर पर सम्मानित किया गया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में छात्रों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप अमृतकाल के बेहद महत्वपूर्ण समय में उत्तीर्ण हुए हैं जिससे आप सभी की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के ऐम्बेस्डर के रूप में आप सभी देश एवं प्रदेश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। उन्होंने कहा कि हमें नई तकनीकों के साथ आगे बढ़ना होगा जिससे हम विश्वगुरु और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल कर सके। राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि वे अपना उद्यम और स्टार्टअप शुरु करते हुए अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि छात्रों के सपने व संकल्प असीमित हों और हमेशा बड़ा लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसे हासिल करने का हरसंभव प्रयास करने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पिछले कुछ वर्षों के दौरान महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयास सराहनीय है। विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है तथा साल दर साल अपनी उपलब्धियों में नए अध्याय जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने प्रारंभ से ही विभिन्न पाठ्यक्रमों, सेंटर एवं स्कूलों का विस्तार कर शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका का निर्वहन किया है और निरंतर प्रगति के पथ पर चलते हुए एक विचारशील युवा पीढ़ी का निर्माण कर समाज के प्रति अपना योगदान दिया है।
दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो संदेश के माध्यम से उत्तीर्ण हुए छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. सिवन ने अपने संबोधन में दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय में उपस्थित विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन कर बधाई दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए एक मूल मंत्र भी दिया ‘‘व्यक्तिगत भय पर विजय पाना, सोच-समझकर जोखिम उठाना और नवप्रवर्तन करना’’ तथा इस मूलमंत्र का उपयोग कर युवा पीढ़ी से देश के विकास में अपना योगदान देने को कहा।
उन्होंने उत्तराखण्ड प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहे दून विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय में शोध को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में निरंतर प्रयासरत रहने वाले शोधकर्ताओं और उनके शोध कार्यों के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाए जाने की प्रशंसा की।