देहरादून, बुधवार – मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में हरिद्वार कॉरिडोर, ऋषिकेश मास्टर प्लान और शारदा रिवरफ्रंट विकास परियोजना को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में उत्तराखंड निवेश एवं अवसंरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) द्वारा इन तीनों परियोजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया।
मुख्य सचिव ने हरिद्वार कॉरिडोर के तहत सभी परियोजनाओं की प्राथमिकता तय करने के निर्देश दिए और कहा कि जिन परियोजनाओं की तत्काल आवश्यकता है, उन्हें शीघ्र धरातल पर उतारा जाए। उन्होंने हरिद्वार की धार्मिक पहचान और आस्था से जुड़े स्थलों के मूल स्वरूप को संरक्षित रखते हुए विकास कार्य करने पर जोर दिया।
बैठक में ब्रह्मकुंड और महिला घाट क्षेत्र का विस्तार, सती कुंड के पुनर्विकास तथा मल्टीलेवल पार्किंग के निर्माण में नदी दर्शन में अवरोध न हो, इसका विशेष ध्यान रखने की बात कही गई। डीपीआर तैयार हो चुकी परियोजनाओं पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश भी दिए गए।
मुख्य सचिव ने शारदा कॉरिडोर के तहत परियोजनाओं की प्राथमिकता तय करने, ईको टूरिज्म गतिविधियों को शामिल करने और चंपावत के जिलाधिकारी की प्राथमिकताओं को योजना में सम्मिलित करने के निर्देश दिए। उन्होंने टूरिज्म सर्किट, हेलीपैड और हेलीपोर्ट जैसी सुविधाओं को योजना में सम्मिलित करने को भी कहा।
ऋषिकेश मास्टर प्लान पर चर्चा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को ऋषिकेश का मोबिलिटी प्लान और पुराने रेलवे स्टेशन क्षेत्र के विकास कार्यों को समग्र रूप से तैयार करने को कहा। साथ ही चंद्रभागा नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए हाईड्रोलॉजी सर्वे कराए जाने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि नितांत आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता पर लेते हुए त्वरित कार्रवाई की जाए ताकि इन परियोजनाओं का लाभ समय पर जनता को मिल सके।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव श्री नितेश कुमार झा, श्री सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. वी. षणमुगम और मुख्य वन संरक्षक श्री पी.के. पात्रो सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।