शुभांशु समेत चारों अंतरिक्ष यात्रियों की ISS से विदाई की तैयारी शुरू

National News

(नई दिल्ली )13जुलाई ,2025.

अंतरिक्ष में 18 दिनों तक वैज्ञानिक प्रयोग करने के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके तीन अन्य साथी अंतरिक्षयात्रियों के लिए विदाई और भोज का समय आ गया है। एक्सिओम-4 मिशन का यह दल सोमवार को पृथ्वी पर वापसी की तैयारी कर रहा है।

*मिशन में कौन-कौन हैं शामिल?:
एक्सिओम-4 मिशन में कुल चार अंतरिक्ष यात्री हैं। जिसमें क्रू- कमांडर पेगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला, पोलैंड के निवासी और मिशन विशेषज्ञ स्लावोस्ज उज़्नांस्की-विस्निवस्की, हंगरी के निवासी और मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापु शामिल हैं। ये दल सोमवार को भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे (सुबह 7:05 ईटी) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से रवाना होगा।

पृथ्वी पर वापसी का समय और तैयारी:
भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि एक्सिओम-4 दल 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे (भारतीय समयानुसार) पर समुद्र में उतरेगा। शुक्रवार और शनिवार को सभी अंतरिक्षयात्रियों ने मिलकर विदाई से पहले एक विशेष भोज का आयोजन किया। अंतरिक्ष में फिलहाल कुल 11 यात्री हैं – 7 एक्सपीडिशन 73 मिशन के और 4 एक्सिओम-4 मिशन के हैं।

अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय भोज:
अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जॉनी किम ने एक्स पर लिखा कि उन्होंने एक्सिओम-4 दल के साथ जो भोजन किया, वह सबसे यादगार शामों में से एक थी। इस भोज में रिहाइड्रेटेड झींगा कॉकटेल और क्रैकर्स स्टार्टर के तौर पर था, वहीं मुख्य व्यंजन में चिकन और बीफ फजिटास, जबकि मिठाई के तौर पर ब्रेड, गाढ़ा दूध और अखरोट से बनी केक दी गई थी। बता दें कि, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने साथ आमरस और गाजर का हलवा ले गए थे, वहीं पोलिश यात्री स्लावोस्ज ने पिएरोगी (मशरूम और पत्तागोभी से भरी डिश) साझा की।

अंतरिक्ष में किए गए वैज्ञानिक प्रयोग
शुभांशु ने अंतरिक्ष में माइक्रोएल्गी प्रयोग किया। माइक्रोएल्गी (सूक्ष्म शैवाल) भविष्य में अंतरिक्ष यात्राओं के लिए खाद्य, ऑक्सीजन और बायोफ्यूल का स्रोत बन सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने कई शोधों में भाग लिया, जिसमें स्पेससूट की जांच और मरम्मत, एक्सरसाइज अनुसंधान, आंखों की गतिविधि और समन्वय, मस्तिष्क पर अंतरिक्ष के असर, संज्ञानात्मक क्षमता और सीखने की जांच, मस्तिष्क की तरंगों और रक्त प्रवाह की निगरानी और रेडिएशन डोज की गणना शामिल है।

अंतरिक्ष यान की वापसी प्रक्रिया:
एक्सिओम-4 के अंतरिक्ष यात्री सोमवार दोपहर 2:25 बजे (भारतीय समयानुसार) पर अपने स्पेससूट पहनकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान में बैठेंगे। फिर यान आईएसएस से स्वत: अलग होकर धीरे-धीरे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा और अंत में अमेरिका के कैलिफोर्निया तट पर समुद्र में उतरेगा। नासा ने बताया कि ड्रैगन यान में 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों के डेटा और लगभग 580 पाउंड सामग्री के साथ वापसी होगी।

वापसी के बाद क्या होगा?:
इसरो के अनुसार, शुभांशु शुक्ला की वापसी के बाद उन्हें पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फिर से ढलने के लिए लगभग 7 दिन का पुनर्वास कार्यक्रम दिया जाएगा, जिसे फ्लाइट सर्जन की देखरेख में किया जाएगा। इस मिशन के लिए इसरो ने करीब 550 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह अनुभव भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ (2027 में प्रस्तावित) की योजना और तैयारी में मदद करेगा(साभार एजेंसी)

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