( नई दिल्ली)01अगस्त,2025.
लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह ने शुक्रवार को भारतीय सेना के उप प्रमुख का पदभार संभाल लिया। 35 वर्षों के अपने शानदार सैन्य करियर में उन्होंने देश की प्रमुख सैन्य अभियानों में भाग लिया और कई महत्वपूर्ण कमान व स्टाफ पदों पर सेवा दी। सिंह को दिसंबर 1987 में पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) की चौथी बटालियन में शामिल किया गया था। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने कश्मीर घाटी और नियंत्रण रेखा पर विशेष बल इकाई की कमान संभाली थी।
एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने बाद में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ऑपरेशन स्नो लेपर्ड में एक पैदल सेना ब्रिगेड और एक पर्वतीय डिवीजन की कमान संभाली। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने ‘ऑपरेशन पवन’, ‘ऑपरेशन मेघदूत’, ‘ऑपरेशन ऑर्किड’ और ‘ऑपरेशन रक्षक’ में भी सेवाएं दीं।
सेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह ने आज भारतीय सेना के उप-सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण किया। उन्होंने एक भव्य समारोह में, वीर नारियों और 22 जुलाई 1989 को श्रीलंका में ऑपरेशन पवन में एक साहसी आतंकवाद-रोधी अभियान के दौरान उनकी कमान में रहते हुए लड़ने वाले वीर जवानों के परिवार के सदस्यों के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नयी दिल्ली में पुष्पांजलि अर्पित की। वे लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि की जगह ले रहे हैं, जो 31 जुलाई को 39 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए।
उप प्रमुख बनने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल सिंह सेना मुख्यालय में ‘डायरेक्टर जनरल ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स एंड स्ट्रैटेजिक मूवमेंट’ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वे लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज, लखनऊ विश्वविद्यालय और देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश स्थित एक कोर की कमान भी संभाली, जो जम्मू, सांबा और पठानकोट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की जिम्मेदारी निभाती है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार उन्हें पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं की ऑपरेशनल रणनीति की गहरी समझ है। वे डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से स्टाफ कोर्स, सीडीएम हैदराबाद से हायर डिफेंस मैनेजमेंट कोर्स और नई दिल्ली स्थित आईआईपीए से एडवांस प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन संभाल चुके हैं। उन्हें उस्मानिया विश्वविद्यालय से मैनेजमेंट स्टडीज़ में मास्टर्स और पंजाब विश्वविद्यालय से एम.फिल. की उपाधि प्राप्त है। देश के प्रति उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल और सेना मेडल (बार सहित) से सम्मानित किया गया है।(साभार एजेंसी)