लक्षद्वीप अब भारत का छिपा हुआ स्वर्ग नहीं रहा, प्रधानमंत्री की यात्रा ने इसे वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर ला दिया है-उपराष्ट्रपति

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उन्होंने कहा, “हमारे देश में विकास लोगों के जीवन को उसी तरह प्रभावित कर रहा है, जैसे सूर्य धरती के हर हिस्से को प्रभावित करता है।”

लक्षद्वीप के अगत्ती द्वीप के पंचायत स्टेज में आज एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “मेरी यह यात्रा खोज और व्यक्तिगत विकास की यात्रा से कम नहीं है।”

लक्षद्वीप की प्राचीन सुंदरता और हाल ही में हुए विकास कार्यों की सराहना करते हुए श्री धनखड़ ने कहा, “लक्षद्वीप का आकार भले ही छोटा हो, लेकिन इसका हृदय बहुत विशाल है। बंगाराम द्वीप टेंट सिटी रिज़ॉर्ट पर्यटन क्रांति है। यहां 17,500 वर्ग मीटर में विश्व स्तरीय आतिथ्य है। यह पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। लक्षद्वीप महज द्वीपों के समूह से कहीं बढ़कर है। यह हमारी संस्कृति, अनेकता में एकता और अच्छे पर्यावरण से हमारे आशय को परिभाषित करता है।”

उपराष्ट्रपति ने चेतलाट द्वीप में कम तापमान वाले तापीय विलवणीकरण संयंत्र और कल्पेनी द्वीप में नांधर आंगनवाड़ी का भी रिमोट से उद्घाटन किया। बाद में उपराष्ट्रपति बंगाराम द्वीप का दौरा करेंगे और शनिवार को द्वीप पर टेंट सिटी का उद्घाटन करेंगे।

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