राज्यपाल ने  ‘‘उत्तराखंड लोकसभा चुनाव-2024’’ पुस्तक का  किया विमोचन

UTTARAKHAND NEWS

आज राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने   राजभवन में निर्वाचन विभाग, उत्तराखंड की पुस्तक ‘‘उत्तराखंड लोकसभा चुनाव-2024’’ का विमोचन किया। इस पुस्तक में निर्वाचन विभाग द्वारा लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने हेतु किए गए अभिनव प्रयास एवं जानकारियों को सम्मिलित किया गया है। इसके साथ-साथ जिलों के निर्वाचन अधिकारियों द्वारा किए गए विशेष प्रयासों की झलकियां भी इस पुस्तक में शामिल है। पुस्तक का संपादन राज्य नोडल अधिकारी डाक्यूमेंटेशन डॉ आनंद भारद्वाज, सह नोडल डॉ एम एस सजवान और सह नोडल गरिमा मिश्रा द्वारा किया गया है।

इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बी.वी. आर. सी. पुरुषोत्तम ने जानकारी दी कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘‘कोई भी मतदाता न छूटे’’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए मतदाता जागरूकता अभियान में उत्तराखंड के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं विभागों में अपना पूर्ण सहयोग दिया। अपने-अपने स्तर से सभी ने मतदाता जागरूकता अभियान में बढ-चढ़कर हिस्सा लिया है।

उन्होंने बताया कि मतदान प्रतिशन बढ़ाने के लिए 65 लाख से अधिक मतदाताओं ने शपथ ली साथ ही अधिक से अधिक मतदान के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से लोगो ंको जागरूक किया गया जिसमें 32 लाख मतदाताओं से व्हाट्सएप के माध्यम से पंहुच बनाई गई। दिव्यांग एवं वृद्व मतदाताओ के लिए विशेष व्यवस्थाएं गई। पुस्तक में इन सभी प्रयासों को सम्मिलित किया गया है। वहीं उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में क्यूआर कोड के माध्यम से संबंधित गतिविधि की वीडियो देखने का अभिनव प्रयोग भी किया गया है।

राज्यपाल ने इस पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि यह डाक्यूमेंटेशन का बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पहली बार इस तरह की पहल की गई है, पूरे निर्वाचन प्रक्रिया में अपनाई जाने वाली क्रियाकलापों को अंकित और डॉक्यूमेंट किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का अन्य प्रदेशों में भी प्रेषित किया जाए साथ ही निर्वाचन आयोग को भी इसकी प्रति प्रेषित की जाय। राज्यपाल ने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सम्पन्न कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि यहां की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद लोगों ने मतदान प्रक्रिया में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की उसमे राज्य निर्वाचन विभाग की बड़ी भूमिका रही।

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