बद्रीनाथ/पुष्कर, 17 मई:
श्री बद्रीनाथ धाम और पुष्कर कुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, वहीं उत्तराखंड पुलिस अपने कर्तव्यों से कहीं आगे बढ़कर “सहारा” की भूमिका निभा रही है।
पुलिसकर्मी न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने में तैनात हैं, बल्कि वे बुजुर्गों, दिव्यांगों, बच्चों और शारीरिक रूप से कमज़ोर श्रद्धालुओं के लिए मानवता और संवेदना का चेहरा बनकर सामने आए हैं।
धार्मिक स्थलों पर चढ़ाई वाले रास्ते, घंटों लंबी कतारें और भीड़भाड़ श्रद्धालुओं के लिए चुनौती बन सकती हैं। ऐसे में वर्दीधारी पुलिसकर्मी जब किसी का हाथ थामते हैं, उसे धीरे-धीरे रास्ता दिखाते हैं, और सुरक्षित दर्शन स्थल तक पहुंचने में मदद करते हैं, तो वह केवल एक ‘सहायता’ नहीं होती – वह एक उम्मीद होती है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि इस सेवा भाव में न केवल उत्तराखंड पुलिस की दक्षता झलकती है, बल्कि एक गहरी संवेदना और मानवीय जुड़ाव भी दिखाई देता है।
धामों की यात्रा के दौरान यह ‘सहारा’ बनना, केवल ड्यूटी नहीं, बल्कि श्रद्धा और सेवा का मिलन है – जो उत्तराखंड पुलिस को एक अलग ही ऊंचाई पर स्थापित करता है।