विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए इस वर्ष 1 जून को खोल दी जाएगी।
ध्यातव्य है कि “फूलों की घाटी” राष्ट्रीय उद्यान एक फूलों की घाटी का नाम है, जिसे अंग्रेजी में Valley of Flowers कहते हैं। यह भारतवर्ष के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में है। यह फूलों की घाटी विश्व संगठन, यूनेस्को द्वारा सन् 1982 में घोषित विश्व धरोहर स्थल नन्दा देवी अभयारण्य, नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का एक भाग है। हिमालय क्षेत्र पिंडर घाटी अथवा पिंडर वैली के नाम से भी जाना जाता है,
बता दे नंदा देवी राष्ट्रीय वन प्रभाग इन दिनों घाटी में पर्यटकों के स्वागत की तैयारियों में जुटा है।पर्यटकों और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए फूलों की घाटी काफी मुफीद होती है। यहां 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर घाटी में दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियां पाई जाती हैं। यहां जैव विविधता का खजाना है।
उप वन संरक्षक बीबी मार्तोलिया ने बताया, घाटी में पहला दल घांघरिया से 1 जून को रवाना किया जाएगा। दल को घाटी में ट्रैक के बाद उसी दिन वापस आना होता है। उन्होंने बताया कि, भारतीय लोगों के लिए 200 रुपये और विदेशी नागरिकों के लिए 800 रुपये ईको ट्रैक शुल्क के रूप में निर्धारित है। घांघरिया में टूरिस्ट गाइड की भी सुविधा उपलब्ध रहेगी।