देहरादून, 20 अप्रैल 2025 (सू.वि):
जिलाधिकारी सविन बंसल ने शनिवार को ऋषिपर्णा सभागार में स्वास्थ्य एवं नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर डेंगू और अन्य जलजनित बीमारियों की रोकथाम हेतु व्यापक कार्ययोजना साझा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि “इस वर्ष को डेंगू-मलेरिया का ‘वर्स्ट ईयर’ मानकर सभी चिकित्सक और निगम कर्मी अभी से पूरी तरह तैयार रहें।”
प्रमुख निर्णय एवं निर्देश:
- लार्वा नियंत्रण के लिए त्वरित कार्य:
लार्वा सोर्स रिडक्शन और घर-घर सर्वेक्षण कार्य प्राथमिकता पर। सभी वार्डों में डोर-टू-डोर जागरूकता और फॉगिंग अभियान शुरू। - अस्पतालों को किया जाए पूरी तरह सक्षम:
दून में ब्लड सेपरेटर की संख्या 2 से बढ़ाकर 5 की जाएगी। डेंगू जांच हेतु रैपिड टेस्ट, एलिसा टेस्ट, मेडिसिन, स्टाफ और उपकरणों की व्यवस्था सुदृढ़। - नगर निगम को निर्देश:
15 मई तक सभी नदियों, नालों, और नालियों की सफाई पूर्ण की जाए। लार्वीसाइडल टैंकर की संख्या 5 से बढ़ाकर 20 की जाए। प्रत्येक 10 वार्ड पर एक डेडिकेटेड टैंकर। - सर्विलांस हेतु प्रोत्साहन:
आशा कार्यकर्ताओं को सर्विलांस हेतु ₹1500 अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि NHM व नगर निगम द्वारा दी जाने वाली राशि से अलग होगी। - स्कूलों में एडवाइजरी:
बच्चों को फुल स्लीव्स ड्रेस में बुलाने, डेंगू जागरूकता पर विशेष कक्षाएं आयोजित करने के निर्देश। - सख्त निगरानी और जुर्माना:
व्यावसायिक परिसरों और सार्वजनिक स्थलों पर जल जमाव पाए जाने पर भारी जुर्माने की चेतावनी। सैनिटरी इंस्पेक्टर्स को कड़े निर्देश। - रैपिड रिस्पॉन्स टीमें सक्रिय:
कंट्रोल रूम, वालंटियर्स व रैपिड टीमें तुरंत एक्टिव की जाएंगी। हॉस्पिटल Surge Plan भी तैयार किया जाएगा।
डीएम ने कहा, “समाज का बड़ा वर्ग सरकारी सेवाओं पर निर्भर है, हमें अपने जन अस्पतालों को पूर्ण सक्षम बनाना होगा ताकि किसी भी व्यक्ति को महंगी प्राइवेट सेवाओं पर निर्भर न रहना पड़े।”
इस बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि 2022 में डेंगू के 1434, 2023 में 37, और अब तक 2025 में 21 मामले सामने आ चुके हैं। इसको देखते हुए जिले में एक व्यापक माइक्रोप्लान तैयार किया गया है।