चकराता, उत्तराखंड – चकराता वन प्रभाग, कालसी, देहरादून के तत्वाधान में प्रगतिशील किसानों का एक दल हाल ही में हिमाचल प्रदेश के वाई.एस. परमार कृषि विश्वविद्यालय, नौणी में अध्ययन भ्रमण पर गया। 22 जनवरी 2025 से 25 जनवरी 2025 तक चले इस चार दिवसीय कार्यक्रम में किसानों को कीवी, सेब, खुमानी, पुलम, नाशपाती, आड़ू सहित अन्य फलों की खेती से संबंधित नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।
पहला दिन: तकनीकी प्रशिक्षण एवं मल्चिंग-ड्रिप सिंचाई प्रणाली की जानकारी
भ्रमण के पहले दिन विश्वविद्यालय के सभागार कक्ष में वैज्ञानिक डॉ. किरण ठाकुर ने कीवी व अन्य फलों की उन्नत खेती पर विस्तार से जानकारी दी। इसके बाद डॉ. लाकेश कुमार और डॉ. अमित कुमार ने सेब, खुमानी, पुलम, नाशपाती, आड़ू आदि फलों की उत्पादन तकनीकों को साझा किया।
इसके अलावा, सब्जियों और फूलों की खेती पर वैज्ञानिक डॉ. विक्रम द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। मल्चिंग और ड्रिप वॉटर सिंचाई प्रणाली के माध्यम से पौधों की सिंचाई तकनीक पर भी प्रशिक्षण दिया गया, जिससे किसानों को जल संरक्षण एवं उत्पादन वृद्धि के व्यावहारिक पहलुओं को समझने का अवसर मिला।
दूसरा दिन: फार्मर फील्ड विजिट और बागवानी तकनीक
दूसरे दिन किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र, कांडाघाट में फील्ड विजिट का मौका मिला। वैज्ञानिक डॉ. सीमा ठाकुर और डॉ. राजेश ठाकुर ने किसानों को फलों की बागवानी, पॉलीहाउस में पौध उत्पादन, कटिंग और प्रूनिंग की आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी।
इसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार कक्ष में डॉ. सीमा ठाकुर के मार्गदर्शन में किसानों की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान विशेषज्ञों ने किसानों की शंकाओं का समाधान किया और उन्हें व्यावसायिक खेती के लिए उपयोगी सुझाव भी दिए।
आयोजन एवं प्रतिभागी
इस अध्ययन भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति, देहरादून द्वारा श्री अभिमन्यु (डीएफओ, चकराता वन प्रभाग, कालसी, देहरादून) के निर्देशन में किया गया। भ्रमण में चकराता वन प्रभाग के अंतर्गत वडोडा, रामपुर सरना, रताड़, समोग, बनियाना, घणता, टगरी, जैन्त्री, बौजोऊ, साहिया, मुधान, खाटवा आदि वन पंचायतों के प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
वन प्रभाग की ओर से श्री मुकेश सिंह और श्री चंदन सिंह (वन बीट अधिकारी) ने भी सहभागिता की, जबकि आयोजक समिति की ओर से श्री रमेश खत्री ने प्रतिनिधित्व किया।
कार्यक्रम की झलकियां (फोटो गैलरी)

फील्ड विजिट और प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागी किसान

चकराता वन प्रभाग की ओर से कार्यक्रम का आयोजन

फल बागवानी का अवलोकन करते किसान
यह अध्ययन भ्रमण कार्यक्रम चकराता के किसानों के लिए बेहद उपयोगी रहा। आधुनिक खेती तकनीकों, नई बागवानी विधियों और जल प्रबंधन उपायों की विस्तृत जानकारी से किसानों को अपने क्षेत्र में बेहतर उत्पादन करने की प्रेरणा मिली। यह पहल न केवल स्थानीय कृषि को सशक्त करेगी बल्कि उत्तराखंड के बागवानी क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मददगार साबित होगी।