उत्तराखंड सरकार की कृषि क्षेत्र में बड़ी पहल: बारहनाजा मिलेट्स और फल पट्टी विकास को मिलेगी रफ्तार

UTTARAKHAND NEWS

दिनांक: 18 अप्रैल 2025 | स्थान: सचिवालय मीडिया सेंटर, देहरादून
रिपोर्ट: Web News Uttarakhand टीम

उत्तराखंड सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, किसानों की आय बढ़ाने और पलायन रोकने के उद्देश्य से “उत्तराखंड स्टेट मिलेट्स पॉलिसी 2025-26”, कीवी नीति, ड्रैगन फ्रूट खेती योजना, और मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना जैसी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं।

मिलेट्स को लेकर नीति और लक्ष्य

कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि मंडुवा, कौणी, झंगोरा जैसी परंपरागत फसलों को वैज्ञानिक पद्धति से उगाने के लिए राज्य सरकार ने उत्तराखंड मिलेट्स पॉलिसी 2025-26 लागू की है, जो 11 पर्वतीय जनपदों में प्रभावी रहेगी।

  • दो चरणों में योजना लागू होगी:
    • प्रथम चरण (2025-28): 24 विकासखण्ड, 30,000 हेक्टेयर
    • द्वितीय चरण (2028-31): 44 विकासखण्ड, 40,000 हेक्टेयर
  • कुल बजट: ₹134.89 करोड़
  • किसानों को जैव उर्वरक और बीज पर 80% सब्सिडी
  • पंक्ति बुवाई पर ₹4000/हेक्टेयर, सीधी बुवाई पर ₹2000/हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि
  • हर ब्लॉक में 1 मिलेट प्रसंस्करण इकाई
  • 3 लाख से अधिक किसानों को लाभ देने का लक्ष्य

उत्तराखंड कीवी नीति 2025-31

राज्य सरकार कीवी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छह वर्षों की नीति लाई है।

  • कुल लागत: ₹894 करोड़
  • 70% तक राजसहायता (₹12 लाख प्रति एकड़ लागत पर)
  • लागू जनपद: राज्य के 11 पर्वतीय जनपद (हरिद्वार व उधमसिंहनगर छोड़कर)
  • लक्ष्य: 3,500 हेक्टेयर में कीवी उत्पादन
  • 17,500 किसान लाभान्वित होंगे
  • उत्पादन लक्ष्य: 33,000 मैट्रिक टन

ड्रैगन फ्रूट खेती योजना 2025-28

ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए 7 जनपदों में यह योजना लागू की जा रही है।

  • कुल बजट: ₹15 करोड़
  • प्रति एकड़ ₹8 लाख लागत पर 80% सब्सिडी
  • पात्रता: न्यूनतम 5 नाली से अधिकतम 20 नाली
  • लक्ष्य: 228 एकड़ क्षेत्र, 450 कृषकों को लाभ
  • उत्पादकता: 12-15 टन प्रति हेक्टेयर

मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (CMFME)

इस योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सब्सिडी दी जा रही है।

  • ₹5 लाख तक अतिरिक्त टॉप-अप
  • कुल 780 इकाइयों को मिलेगा लाभ
  • Sorting/Grading इकाइयों को भी अब शामिल किया गया
  • पलायन रोकने और स्वरोजगार बढ़ाने में मददगार

सेब तुड़ाई उपरांत प्रबंधन योजना

7 वर्षों (2024-2031) में यह योजना सेब उत्पादक किसानों के लिए लागू की गई है।

  • कुल बजट: ₹129.97 करोड़
  • 22 CA स्टोरेज यूनिट और 180 Sorting/Grading यूनिट की स्थापना
  • व्यक्तिगत व एफपीओ को 50-70% तक सब्सिडी
  • 5000 हेक्टेयर क्षेत्रफल को आच्छादित किया जाएगा
  • लक्ष्य: 25 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादकता

राज्य सरकार की दूरदर्शिता

गणेश जोशी ने कहा कि यह सभी योजनाएं पर्वतीय युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराकर पलायन को रोकने में प्रभावी सिद्ध होंगी। नीतिगत और संस्थागत सहयोग से राज्य की कृषि प्रणाली को आधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है।


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